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चीन ने ट्रंप के रूसी तेल प्रतिबंधों पर कड़ा जवाब दिया

चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नाटो देशों से रूसी तेल पर टैरिफ लगाने की अपील के जवाब में कड़ा संदेश दिया है। विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन युद्धों की साजिश नहीं करता और न ही उनमें शामिल होता है। ट्रंप ने नाटो देशों से सहयोग की अपील की है, जबकि अमेरिका जी-7 देशों से भारत और चीन पर टैरिफ लगाने का आग्रह कर रहा है। इस स्थिति में अमेरिका और चीन के बीच बातचीत भी जारी है।
 

चीन का कड़ा संदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नाटो देशों से रूसी तेल खरीदारों पर टैरिफ लगाने की मांग के बाद, चीन ने शनिवार को वाशिंगटन को स्पष्ट संदेश दिया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन न तो युद्धों की योजना बनाता है और न ही उनमें भाग लेता है। यह बयान ट्रंप के नाटो देशों से रूस पर दबाव बढ़ाने और चीन पर 100% तक प्रतिबंध लगाने की अपील के कुछ घंटों बाद आया।


वांग यी का बयान

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्लोवेनिया की यात्रा के दौरान वांग यी ने कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं कर सकते और प्रतिबंध केवल स्थिति को और जटिल बनाते हैं। यह बयान ट्रंप के नाटो को रूसी तेल खरीदने से रोकने और चीन पर टैरिफ लगाने की अपील के संदर्भ में था। वांग ने यह भी कहा कि चीन शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में विश्वास रखता है।


ट्रंप का पत्र

ट्रंप का नाटो को खुला पत्र

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नाटो सदस्यों और 'विश्व' को संबोधित करते हुए एक पत्र में लिखा, 'मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूँ, जब सभी नाटो देश सहमत हो जाएँगे और ऐसा करना शुरू कर देंगे।' उन्होंने कहा कि नाटो की जीत की प्रतिबद्धता 100 प्रतिशत से कम रही है, और कुछ देशों द्वारा रूसी तेल की खरीद चौंकाने वाली है।


ट्रंप का सहयोग का प्रस्ताव

मैं भी आपके साथ जाने के लिए तैयार हूँ- ट्रंप

ट्रंप ने नाटो देशों से मिलकर काम करने का आग्रह किया और कहा कि यदि सभी सदस्य प्रतिबंधों पर सहमत हो जाते हैं, तो वह 'जाने' के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'मैं भी आपके साथ जाने के लिए तैयार हूँ। बस बताइए कब?' हालांकि, वाशिंगटन ने पहले ही भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए भारी टैरिफ लगाया है, जबकि बीजिंग को अभी तक निशाना नहीं बनाया गया है।


जी7 पर अमेरिका का दबाव

जी7 पर अमेरिका का दबाव

अमेरिका जी-7 देशों, जिनमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं, से आग्रह कर रहा है कि वे भारत और चीन पर टैरिफ लगाकर रूस पर दबाव बढ़ाएं। अमेरिकी वित्त मंत्री ने जी-7 वित्त मंत्रियों से कहा, 'केवल एक एकीकृत प्रयास से हम पुतिन की युद्ध मशीन को वित्तपोषित करने वाले राजस्व को रोकने में सक्षम होंगे।'


अमेरिका-चीन के बीच बातचीत

अमेरिका-चीन के बीच बातचीत

इस सप्ताह की शुरुआत में, वांग यी ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से फोन पर बात की। चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, उन्होंने दोनों देशों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।