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चीन ने भारतीय सेना की वीरता की की तारीफ, राजदूत ने दिया बड़ा बयान

चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना की है, जो कि एक अप्रत्याशित कदम है। उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीन की मदद की और उनकी वीरता को चीनी जनता कभी नहीं भूलेगी। यह बयान उस समय आया है जब चीन अक्सर भारत के खिलाफ खड़ा होता है। संगोष्ठी में, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों के योगदान के बारे में।
 

चीन की नई रणनीति

चीन, जो अक्सर भारत के खिलाफ चालें चलता है और सीमा पर विवाद उत्पन्न करता है, अब भारतीय सेना की सराहना कर रहा है। चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने हजारों मील दूर जाकर चीन की सहायता की है। उनकी बहादुरी को चीनी जनता कभी नहीं भूलेगी। यह वही चीन है जिसने गलवान घटना के बाद भारत के साथ टकराव की कोशिश की थी। अब वह भारतीय सेना की तारीफ कर रहा है। इस बयान ने अमेरिका और अन्य देशों को चौंका दिया है।


चीनी राजदूत का बयान

भारत में चीनी दूतावास ने जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जन प्रतिरोध युद्ध और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध की 80वीं वर्षगांठ पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राजदूत शू फेइहोंग ने मुख्य भाषण दिया। संगोष्ठी में भारतीय राजनीतिक दलों, थिंक टैंकों, मीडिया और विश्वविद्यालयों के लगभग 100 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने भारत को धन्यवाद दिया, जिसने प्रतिरोध युद्ध के दौरान चिकित्सा मिशन भेजकर चीनी जनता का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि चीन और भारत को अपने ऐतिहासिक मित्रता को आगे बढ़ाना चाहिए और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना चाहिए।


भारतीय सैनिकों का योगदान

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, जब भारत ब्रिटिश उपनिवेश था, लगभग 25 लाख भारतीय सैनिकों ने स्वेच्छा से युद्ध में भाग लिया। इन सैनिकों ने अफ्रीका और यूरोप में दुश्मनों का सामना किया और इटली तथा बर्मा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। विशेष रूप से, चीन-बर्मा-भारत थियेटर में जापान को रोकने में उनकी भूमिका निर्णायक रही।