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चीन से भारत को मिलेंगे आवश्यक रेयर अर्थ मैग्नेट, ईवी उद्योग को मिलेगी राहत

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के बीच, चीन ने भारतीय कंपनियों को रेयर अर्थ मैग्नेट का निर्यात करने के लिए लाइसेंस जारी किया है। यह कदम ईवी उद्योग के लिए राहत का संकेत है, जो हाल ही में टैरिफ विवाद के कारण आपूर्ति में बाधाओं का सामना कर रहा था। चीन का वाणिज्य मंत्रालय अब इन लाइसेंस आवेदनों को प्रोसेस कर रहा है, जिससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी आएगी। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और कैसे यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर सकता है।
 

चीन ने भारतीय कंपनियों को दिया लाइसेंस


ईवी उद्योग को मिली राहत


बिजनेस डेस्क : वर्ष 2025 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में तेजी आई है। दोपहिया से लेकर चार पहिया तक इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण और बिक्री बढ़ी है। हालाँकि, टैरिफ विवाद के कारण भारत में रेयर अर्थ मैग्नेट (आरईएम) की आपूर्ति में बाधा आई थी, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं में चिंता बढ़ गई थी। अब, चीन ने भारतीय कंपनियों और भारत में कार्यरत विदेशी कंपनियों को 'रेयर अर्थ मैग्नेट' का निर्यात करने के लिए लाइसेंस जारी करना शुरू कर दिया है।


चीन का वाणिज्य मंत्रालय सक्रिय

सरकारी सूत्रों के अनुसार, चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने इन लाइसेंस आवेदनों को प्रोसेस करना शुरू कर दिया है। पिछले छह महीनों से भारत सरकार चीनी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थी। जून में, चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर को आश्वासन दिया था कि बीजिंग रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर लगी पाबंदियों में ढील देगा।


रेयर अर्थ मटेरियल्स में चीन का वर्चस्व

वैश्विक स्तर पर रेयर अर्थ मटेरियल्स की खनन में चीन की हिस्सेदारी लगभग 70% और उत्पादन में 90% है। हाल ही में, चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार युद्ध के बीच 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। चीन ने कार, ड्रोन और रोबोट जैसे उत्पादों के लिए आवश्यक मैग्नेट के शिपमेंट भी रोक दिए हैं। ये सामग्री ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस उद्योग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


आरईएम की आवश्यकता

रेयर अर्थ मैग्नेट ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, चिकित्सा उपकरणों और रक्षा उद्योग के लिए आवश्यक होते हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों की मोटर्स में इनका सबसे अधिक उपयोग होता है। वर्तमान में, चीन दुनिया में रेयर अर्थ मैग्नेट के उत्पादन और क्षमता में सबसे आगे है। 4 अप्रैल से चीन ने इन मैग्नेट्स के निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी, जिससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई थी।


अमेरिका के साथ विवाद का प्रभाव

बीजिंग ने अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के जवाब में ये निर्यात लाइसेंसिंग नियम लागू किए थे। इन नियमों के तहत, चीनी विक्रेताओं को निर्यात मंजूरी तभी मिलती है जब आयातक यह सुनिश्चित करे कि इन सामग्रियों का उपयोग रक्षा से संबंधित कार्यों या 'डुअल-यूज' के लिए नहीं होगा। यह प्रक्रिया जटिल और लंबी है, जिसके कारण आपूर्ति में देरी हो रही थी।