चुनाव आयोग का कड़ा रुख: वोटर लिस्ट में अनियमितताओं पर विपक्ष को जवाब
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
भारत के चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि मतदान केंद्रों की CCTV फुटेज साझा नहीं की जाएगी। आयोग ने कहा कि ऐसा करने से मतदाताओं की निजता का उल्लंघन हो सकता है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए सवालों पर आयोग ने सख्त रुख अपनाया।
CCTV फुटेज पर आयोग का निर्णय
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 'वोट चोरी' जैसे शब्दों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को गुमराह करने के प्रयास संविधान का अपमान है। उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में स्पष्ट किया था कि मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट साझा करना मतदाताओं की प्राइवेसी का उल्लंघन हो सकता है।
मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट का मुद्दा
कांग्रेस और अन्य दलों ने आरोप लगाया है कि मतदाता सूची में फर्जी नाम और डुप्लीकेट एंट्री शामिल हैं। इस पर चुनाव आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही माना है कि ऐसी लिस्ट साझा करने से मतदाताओं की निजता खतरे में पड़ सकती है। CEC ने राहुल गांधी का नाम सीधे नहीं लिया, लेकिन इशारों में उन पर निशाना साधा।
विपक्ष के आरोपों पर चुनाव आयोग का सख्त जवाब
चुनाव आयोग ने 'वोट चोरी' जैसे आरोपों को नकारते हुए कहा कि ये जनता को भ्रमित करने की रणनीति है। CEC ज्ञानेश कुमार ने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान मतदाताओं के विश्वास को कमजोर करने का प्रयास हैं। बिहार में चुनाव नजदीक हैं, और यह आरोप-प्रत्यारोप राज्य की राजनीति को और भी दिलचस्प बना रहा है।