चुनाव आयोग ने 474 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द किया
चुनाव आयोग की कार्रवाई
नई दिल्ली/चेन्नई: चुनाव आयोग ने देशभर में 474 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द करने का निर्णय लिया है। ये दल पिछले छह वर्षों से चुनावों में भाग नहीं ले रहे थे। आयोग का कहना है कि यह कदम चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और साफ-सुथरा बनाने के लिए उठाया गया है। इस कार्रवाई का सबसे अधिक प्रभाव तमिलनाडु में देखने को मिला है, जहां 42 राजनीतिक दलों को सूची से हटा दिया गया है। इनमें कुछ दल राज्य की सत्ताधारी पार्टी डीएमके और केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के सहयोगी रह चुके हैं।
तमिलनाडु में रद्द की गई पार्टियाँ
चुनाव आयोग ने बताया कि तमिलनाडु में जिन दलों का पंजीकरण रद्द किया गया है, उन्होंने या तो लंबे समय से चुनाव नहीं लड़ा या फिर चुनाव लड़े लेकिन अपनी वित्तीय जानकारी और वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट समय पर जमा नहीं की। रद्द की गई पार्टियों में मनिथानेया मक्कल काची (एमएमके), कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके), तमिलागा मक्कल मुनेत्र कड़गम (टीएमएमके), मणिथानेया जननायगा काची (एमजेके) और पेरुंथलाइवर मक्कल काची शामिल हैं।
आगे की योजना
इनमें से एमएमके और केएमडीके ने पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में डीएमके के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, जबकि टीएमएमके बीजेपी की सहयोगी रही है। एमजेके और पेरुंथलाइवर मक्कल काची ने पहले AIADMK के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई पार्टी छह साल तक लगातार चुनाव नहीं लड़ती और आवश्यक दस्तावेज नहीं प्रस्तुत करती है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। इसी नियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। आयोग का कहना है कि भविष्य में भी ऐसे दलों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे जो केवल कागजों पर मौजूद हैं लेकिन वास्तविक राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेते।