×

चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस की मुलाकात की मांग को किया स्वीकार

चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को स्वीकार करते हुए एक बैठक निर्धारित की है, जिसमें SIR प्रक्रिया पर चर्चा की जाएगी। पश्चिम बंगाल में चल रही इस प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है, और तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कई समुदायों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। विपक्ष के नेता ने भी चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके संभावित प्रभाव।
 

चुनाव आयोग की बैठक का निर्णय


नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, जिसमें पार्टी ने आयोग से मुलाकात की इच्छा जताई थी। पश्चिम बंगाल में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को लेकर हाल के दिनों में विवाद बढ़ गया है। इस संदर्भ में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा भेजे गए अनुरोध पर आयोग ने कार्रवाई करते हुए बैठक तय की है।


सूत्रों के अनुसार, आयोग ने 24 नवंबर 2025 को एक पत्र में पार्टी के सांसदों के साथ एक आधिकारिक बैठक की मांग को स्वीकार किया। आयोग ने कहा कि वह राजनीतिक दलों के साथ नियमित और रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देता है। यह बैठक शुक्रवार, 28 नवंबर को सुबह 11:00 बजे निर्वाचन सदन, अशोका रोड, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। पार्टी का दावा है कि इस बैठक में वह SIR प्रक्रिया से संबंधित कई गंभीर आपत्तियों को सीधे आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेगी। 


पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया का विवाद

पश्चिम बंगाल में क्या है स्थिति?


पश्चिम बंगाल में चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। यह प्रक्रिया 2026 विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची को अद्यतन करने के लिए लागू की जा रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी का आरोप है कि यह प्रक्रिया पक्षपातपूर्ण तरीके से संचालित की जा रही है। पार्टी का कहना है कि इसमें कई समुदायों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और बड़ी संख्या में योग्य मतदाताओं के नाम गलत तरीके से हटाए जा रहे हैं। 


तृणमूल कांग्रेस के आरोप

तृणमूल कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप?


तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि मतुआ समुदाय, अल्पसंख्यक वर्ग और आदिवासी समाज के मतदाता इस संशोधन प्रक्रिया में सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत सुधार नहीं किया गया, तो हजारों योग्य मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित हो सकते हैं।


विपक्ष के नेता की शिकायत

सुवेंदु अधिकारी ने क्या लगाया आरोप?


इस बीच, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को एक विस्तृत शिकायत भेजी है। अपने पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि तृणमूल सरकार पुलिस और प्रशासन का राजनीतिक उपयोग कर रही है। उन्होंने इसे संस्थागत पक्षपात बताया और चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की।