चेन्नई में यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी को मिली 30 साल की सजा, जानें पूरा मामला
अदालत का कठोर फैसला
चेन्नई की एक विशेष अदालत ने अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी गणानाशेखरन को कड़ी सजा सुनाई है। न्यायमूर्ति राजलक्ष्मी ने उसे सभी ग्यारह आरोपों में दोषी ठहराते हुए 30 वर्ष की कैद और ₹90,000 का जुर्माना लगाया। यह निर्णय एक महिला अदालत द्वारा पिछले सप्ताह दिए गए दोष सिद्ध करने के बाद आया।
घटना का विवरण
यह घटना 23 दिसंबर 2023 की रात को हुई, जब कोट्टूर निवासी गणानाशेखरन, जो अन्ना विश्वविद्यालय के पास एक बिरयानी की दुकान चलाता था, परिसर में अवैध रूप से घुस आया। उसने एक छात्रा के साथ बलात्कारी व्यवहार किया और उसके साथ आए युवक पर हमला किया। पीड़ितों की शिकायत और सबूतों के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की।
ब्लैकमेलिंग का प्रयास
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने घटना का वीडियो बनाकर पीड़ितों को डराने और ब्लैकमेल करने की कोशिश की। घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
राजनीतिक विवाद
एआईएडीएमके के नेता ई. पलानीस्वामी ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए डीएमके पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी आरोपी को बचाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन एआईएडीएमके के विरोध के कारण न्याय सुनिश्चित हुआ। ईपीएस ने यह भी कहा कि इस मामले में और लोग शामिल हो सकते हैं और "कौन है वह सर" अभियान इसी सच्चाई को उजागर करने का प्रयास है।
आरोपी की तस्वीरों पर सवाल
गणानाशेखरन की गिरफ्तारी के दो दिन बाद, उनकी सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके के नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल हुईं, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई। हालांकि, डीएमके ने शुरुआत में किसी भी संबंध से इनकार किया, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि आरोपी पार्टी का सदस्य नहीं, बल्कि केवल समर्थक है।
अदालत में दलीलें
गणानाशेखरन ने अदालत से नरमी की अपील करते हुए अपनी मां की खराब सेहत का हवाला दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सबूतों की कमी है और उनकी गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर हुई है। इसके जवाब में पुलिस ने मजबूत साक्ष्य और फोरेंसिक रिपोर्ट पेश की, जिसे अदालत ने स्वीकार किया।
विशेष जांच दल की भूमिका
मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल ने मामले की गंभीरता से जांच की और महिला अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। आरोपी पर भारतीय दंड संहिता, आईटी एक्ट और महिला उत्पीड़न विरोधी कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया।