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छत्तीसगढ़ में CRPF जवान की आत्महत्या: मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक CRPF जवान की आत्महत्या ने सुरक्षा बलों के मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पप्पू यादव नामक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। इस घटना के बाद अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है, जिसमें जवान के व्यवहार और व्यक्तिगत परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है। हाल के वर्षों में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों की आत्महत्या की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि हुई है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।
 

CRPF जवान की आत्महत्या की घटना

CRPF जवान की आत्महत्या: बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक दुखद घटना घटी, जहां सीआरपीएफ की 22वीं बटालियन के एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मृतक जवान की पहचान पप्पू यादव के रूप में हुई है, जो बिहार के भोजपुर जिले के ठाकुरी गांव के निवासी थे। वे हाल ही में छुट्टी से लौटकर मंगलवार को ड्यूटी पर वापस आए थे।


मिंगाचल कैंप में आत्महत्या का मामला

पुलिस के अनुसार, पप्पू यादव ने बुधवार सुबह मिंगाचल कैंप में अपनी सर्विस राइफल से आत्महत्या की। घटना की सूचना मिलते ही कैंप के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। जवान की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, जिसके बाद अंतिम संस्कार के लिए इसे उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा।


आत्महत्या के कारणों की जांच जारी

हालांकि आत्महत्या की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है। अधिकारियों ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच की जा रही है, जिसमें जवान के व्यवहार, ड्यूटी रिकॉर्ड और व्यक्तिगत परिस्थितियों की समीक्षा की जा रही है।


छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं

यह घटना उस समय सामने आई है जब हाल ही में छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने एक चिंताजनक आंकड़ा प्रस्तुत किया। जानकारी के अनुसार, 2019 से 15 जून 2025 तक राज्य में कुल 177 सुरक्षा बल के जवानों ने आत्महत्या की है।


सीआरपीएफ पर बढ़ता दबाव

इन 177 मामलों में से 26 जवान सीआरपीएफ से थे, जो मुख्य रूप से राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि अत्यधिक दबाव वाले क्षेत्रों में तैनाती के दौरान मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है।


मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग की आवश्यकता

विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षा बलों में आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए एक मजबूत मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणाली, नियमित काउंसलिंग, तनाव प्रबंधन वर्कशॉप और परामर्श सत्रों की आवश्यकता है। अधिकारियों का कहना है कि जवानों को अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को साझा करने के लिए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म मिलना चाहिए।


जवानों की आत्महत्या पर उठते सवाल

इस घटना ने सुरक्षा बलों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल की परिस्थितियों पर चर्चा को फिर से मजबूर कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या लंबे समय तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनाती, सीमित अवकाश, परिवार से दूरी और उच्च तनाव आत्महत्या के प्रमुख कारण हैं?