छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर नया कानून लाने की तैयारी, पूर्व सीएम का पलटवार
धर्मांतरण रोकने के लिए नया कानून
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि राज्य की भाजपा सरकार धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए एक नया कानून लाने की योजना बना रही है, जिसका मसौदा तैयार किया जा रहा है और इसे अगले विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री का बयान
इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा और मुख्यमंत्री साय को इस विषय पर सही जानकारी नहीं है।
2006 का कानून और वर्तमान स्थिति
सोमवार को एक मीडिया चैनल से बातचीत में बघेल ने बताया कि 2006 में रमन सिंह की सरकार ने धर्मांतरण पर कानून बनाने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था, जो पारित भी हुआ था। यह बिल राजभवन और राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा, लेकिन इसकी वर्तमान स्थिति पर कोई स्पष्टता नहीं है। साय सरकार को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
बघेल का सवाल
बघेल ने यह भी सवाल उठाया कि जब 2006 में पहले ही इस मुद्दे पर कानून बनाया जा चुका है, तो साय सरकार नए कानून की आवश्यकता क्यों महसूस कर रही है?
कानून व्यवस्था पर टिप्पणी
पूर्व सीएम ने कहा कि यदि बिल पारित हो गया है, तो सरकार को उसे लागू करना चाहिए और मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी होनी चाहिए। लेकिन, वह नया कानून बनाने की बात कर रहे हैं। यह उनकी गलती नहीं है, बल्कि उन्हें जो निर्देश दिए जाते हैं, वह वही बोलते हैं।
कानून व्यवस्था की स्थिति
बघेल ने छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यहां 'कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है' और बिना जांच के गिरफ्तारियां हो रही हैं। यदि किसी के खिलाफ शिकायत है, तो जांच होनी चाहिए और उसके आधार पर कार्रवाई की जानी चाहिए।
भाजपा पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ईसाई, मुस्लिम और सिख समुदायों को निशाना बना रही है और बहुसंख्यकों का ध्रुवीकरण करने का प्रयास कर रही है।
रायपुर की घटना
बघेल ने रायपुर की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एसपी और थानेदार को बदला जाएगा, लेकिन आईजी के खिलाफ कोई कुछ नहीं कह सकता।