छत्तीसगढ़ में नई रेलवे लाइन का विकास: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से बदलाव
छत्तीसगढ़ में रेलवे नेटवर्क का विस्तार
छत्तीसगढ़ रेलवे परियोजना: छत्तीसगढ़ में रेलवे ढांचे का तेजी से विकास राज्य की यातायात और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 198 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन का निर्माण न केवल यात्रा को सरल बनाएगा, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में भी सहायक होगा। इससे लोग कम समय में लंबी दूरी तय कर सकेंगे और यात्रा का खर्च भी घटेगा।
रेलवे सर्वे का कार्य प्रगति पर
सर्वेक्षण का कार्य जारी
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रेलवे लाइन का सर्वेक्षण अभी पूरा नहीं हुआ है। यह रेलवे लाइन तेलंगाना के कोठागुडेम से छत्तीसगढ़ के किरंदुल तक प्रस्तावित है। इससे नक्सल प्रभावित जिलों में विकास की गति तेज होगी। बस्तर क्षेत्र में रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार होगा। कोठागुडेम से किरंदुल तक चलने वाली रेल लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी मिल गई है और यह कार्य अब अंतिम चरण में है। इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में लगभग 198.51 किलोमीटर की रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही आसान होगी। इसके साथ ही, क्षेत्र का विकास भी तेजी से होगा। रेल विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को इस कार्य के लिए धन्यवाद दिया है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई राह
बस्तर क्षेत्र में विकास की गति
बस्तर क्षेत्र, जो देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में से एक है, अब तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कोठागुडेम से किरंदुल तक प्रस्तावित 160.33 किमी लंबी नई रेललाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण को मंजूरी मिलने के बाद यह कार्य अंतिम चरण में है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिलों जैसे सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर का 138.51 किमी का हिस्सा इस रेलवे लाइन से जुड़ जाएगा, जो पहले रेल सेवा से अछूता था। यह परियोजना न केवल आवागमन को सुगम बनाएगी, बल्कि इन जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी।
रेलवे विभाग की प्रशंसा
सीएम साय की सराहना
रेलवे विभाग ने अत्याधुनिक लिडार तकनीक का उपयोग करते हुए सर्वेक्षण किया है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय इस रेललाइन परियोजना की निगरानी कर रहा है, जो आंतरिक सुरक्षा और क्षेत्रीय विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारतीय रेल विभाग ने छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विशेष आभार व्यक्त किया है, जिनके निर्देशों और समन्वय से यह सर्वे कार्य पुनः प्रारंभ हो सका। यह रेलमार्ग भविष्य में बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा, समावेशन और समृद्धि का प्रतीक बनेगा।