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छत्तीसगढ़ में नाबालिग छात्रों का ISIS से संबंध, एटीएस ने की बड़ी कार्रवाई

छत्तीसगढ़ में एंटी टेररिज्म स्क्वॉड ने दो नाबालिग छात्रों को ISIS से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ये छात्र विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे और उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा था। एटीएस की जांच में पता चला कि इन छात्रों को डिजिटल तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
 

छत्तीसगढ़ में नाबालिग छात्रों की गिरफ्तारी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में दो नाबालिग छात्र अब आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के निशाने पर आ गए हैं। राज्य की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने रायपुर और भिलाई से इन छात्रों को हिरासत में लिया है, जो विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में थे। ये छात्र 10वीं और 11वीं कक्षा में पढ़ते हैं और उन्हें हिंसा का आकर्षण दिखाकर ब्रेनवॉश किया जा रहा था। एटीएस की जांच में यह बात सामने आई है कि गेमिंग चैट रूम और इंस्टाग्राम के सीक्रेट ग्रुप्स के माध्यम से इन्हें फंसाया जा रहा था और आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा था।


जब एटीएस ने इनके चैट लॉग और डिजिटल सामग्री की जांच की, तो एक भयावह स्थिति का पता चला। हैंडलर्स इन बच्चों को 'डिजिटल मॉड्यूल' में शामिल करने के लिए उन्नत प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्हें डार्क वेब, टोर ब्राउज़र, फर्जी आईपी एड्रेस बनाने और वीपीएन जैसे तकनीकी उपकरणों का उपयोग सिखाया जा रहा था, ताकि वे अपनी डिजिटल पहचान छिपा सकें। मामले का सबसे चिंताजनक मोड़ तब आया जब इन नाबालिगों ने हैंडलर्स की मांग पर 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़े नक्शों की क्लिपिंग भेजी। ब्रेनवॉशिंग का प्रभाव इतना गहरा था कि ये बच्चे हथियार उठाने के लिए भी तैयार हो गए थे।


एटीएस ने अपनी मानव निगरानी और साइबर ट्रैकिंग के माध्यम से इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पकड़े गए किशोरों की पृष्ठभूमि चौंकाने वाली है; इनमें से एक का पिता सीआरपीएफ में जवान है, जबकि दूसरे का पिता ऑटो चालक है। एटीएस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यूएपीए-1967 के तहत एफआईआर दर्ज की है। वर्तमान में दोनों नाबालिग एटीएस की हिरासत में हैं और भिलाई के चार अन्य नाबालिगों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचा जा सके।