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छत्तीसगढ़ में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प, महिला दरोगा घायल

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई एक हिंसक झड़प ने सबको चौंका दिया है। इस घटना में एक महिला पुलिस अधिकारी को गंभीर चोटें आईं, जबकि कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि कोयला खदान परियोजना के खिलाफ उनका विरोध उचित तरीके से नहीं सुना गया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और उसके परिणाम।
 

छत्तीसगढ़ में उग्र प्रदर्शन का नतीजा

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें ग्रामीणों और पुलिस के बीच एक गंभीर झड़प होती है। गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया, जिसमें एक महिला पुलिस अधिकारी को लातों और डंडों से पीटा गया। जब वह बेहोश हो गईं, तो भीड़ ने उन्हें खींच लिया। इसके अलावा, एक ट्रक चालक को भी भीड़ ने बंधक बना लिया और एक कार को आग लगा दी। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बना हुआ है और सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।



जानकारी के अनुसार, रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में जिंदल पावर लिमिटेड द्वारा आवंटित गारे-पेलमा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक के खिलाफ ग्रामीण पिछले 15 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। शनिवार को यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। जब पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने आई, तो उन पर पथराव किया गया। इस दौरान कई वाहनों में आग लगा दी गई और एक ट्रक चालक को बंधक बना लिया गया। महिला निरीक्षक कमला पुसाम पर भी हमला किया गया, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं। इस झड़प में एसडीओपी अनिल विश्वकर्मा सहित कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए। पुलिस ने लगभग 40 लोगों को हिरासत में लिया है।


ग्रामीणों का विरोध

ग्रामीण जेपीएल के कोयला खदान परियोजना का विरोध कर रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि जनसुनवाई बिना उचित सूचना के कराई गई, जिससे उनकी जमीन, पर्यावरण और आजीविका को खतरा हो गया है।