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छत्तीसगढ़ में माओवादी मुठभेड़: सुरक्षाबलों ने प्रमुख कमांडर को ढेर किया

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने माओवादी कमांडर सोढ़ी कन्ना को एक मुठभेड़ में मार गिराया है। कन्ना पर 8 लाख रुपये का इनाम था और वह कई बड़े हमलों में शामिल रहा है। इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और सामग्री भी बरामद की। पुलिस का कहना है कि कन्ना की मौत से माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियां अब उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी हैं।
 

छत्तीसगढ़ में माओवादी मुठभेड़ की सफलता

छत्तीसगढ़ माओवादी मुठभेड़: बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों ने माओवादियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। PLGA बटालियन नंबर-1 के डिप्टी कमांडर और प्रशिक्षित स्नाइपर सोढ़ी कन्ना को इस मुठभेड़ में मार गिराया गया। पुलिस के अनुसार, कन्ना पर 8 लाख रुपये का इनाम था और वह कई बड़े हमलों में शामिल रहा है।


यह कार्रवाई 4 जुलाई से शुरू हुए विशेष नक्सल विरोधी अभियान के तहत की गई। इसमें डीआरजी बीजापुर, डीआरजी दंतेवाड़ा, एसटीएफ, कोबरा बटालियन 202 और 210 तथा सीआरपीएफ की टीमें शामिल थीं। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के घने जंगलों में यह मुठभेड़ हुई, जिसमें रुक-रुककर गोलीबारी होती रही। सुरक्षा बलों ने इस संयुक्त अभियान में अपनी ताकत दिखाई और नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। अभियान अभी भी जारी है।


हथियारों और सामग्री की बरामदगी

बरामद हुआ भारी मात्रा में हथियार और सामग्री


मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से कई सामग्री बरामद की गई, जिसमें एक 303 राइफल, 5 जिंदा कारतूस, AK-47 की एक मैगजीन जिसमें 59 राउंड, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज, कोडेक्स वायर, संचार रेडियो और माओवादी साहित्य शामिल हैं। इसके साथ ही माओवादी वर्दी और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी मिली हैं।


माओवादी नेटवर्क को झटका

हिडमा का करीबी और कई हमलों का मास्टर


पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव के अनुसार, "मारा गया माओवादी सोढ़ी कन्ना, मडवी हिडमा का करीबी सहयोगी था। उसकी मौत माओवादी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका है।" कन्ना को माओवादियों की सैन्य रणनीति में एक प्रमुख स्नाइपर माना जाता था। वह बीजापुर के टेकलगुडियम का निवासी था और कई घातक हमलों में सक्रिय भूमिका निभा चुका था।


माओवादी नेटवर्क की कमर टूटी


कन्ना की मौत से माओवादी संगठन की सैन्य और रणनीतिक ताकत को बड़ा नुकसान हुआ है। सुरक्षा एजेंसियां अब उसकी नेटवर्क, ठिकानों और अन्य सहयोगियों की तलाश में हैं। बताया जा रहा है कि यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी या मुठभेड़ संभव हैं।