छत्तीसगढ़ में मृत समझे गए युवक की एक सप्ताह बाद हुई वापसी
एक अद्भुत घटना का सामना
नई दिल्ली: 25 वर्षीय पुरुषोत्तम ने अपने छत्तीसगढ़ के गांव में एक सप्ताह के भीतर शोक और खुशी का अनुभव किया। उसके परिवार ने एक शव को दफनाने के बाद शोक मनाया, यह मानते हुए कि वह पुरुषोत्तम का शव है। लेकिन रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें कहीं और देखा गया है। जब उन्हें ढूंढा गया, तो गांव के लोग पहले तो चौंके, फिर खुशी से झूम उठे।
शव की पहचान और अंतिम संस्कार
यह घटना तब शुरू हुई जब पुलिस ने एक नवंबर को सूरजपुर जिले के मानपुर क्षेत्र में एक कुएं से शव बरामद करने की सूचना दी। पुरुषोत्तम के परिवार ने पुलिस से संपर्क किया क्योंकि वह दो दिनों से लापता था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो ने बताया कि शव की पहचान पुरुषोत्तम के रूप में की गई।
अंतिम संस्कार के बाद शव को दफनाया गया
पुलिस ने दुर्घटनावश मौत का मामला दर्ज कर शव परिवार को सौंप दिया, जिन्होंने अंतिम संस्कार के बाद शव को स्थानीय श्मशान घाट में दफना दिया। बाद में, रिश्तेदारों ने शोकाकुल परिवार को बताया कि पुरुषोत्तम को लगभग 45 किलोमीटर दूर अंबिकापुर में देखा गया है। अधिकारी ने बताया कि उसकी तलाश शुरू की गई और अंततः वह एक रिश्तेदार के घर मिला और 4 नवंबर को उसे वापस लाया गया।
पुरुषोत्तम का बयान
पुरुषोत्तम ने कहा, "मैं सरगुजा जिले के अंबिकापुर गया था। बाद में मुझे पता चला कि मेरे परिवार ने एक मृत व्यक्ति का अंतिम संस्कार कर दिया था और वह मुझे समझ लिया था।" पुलिस अभी तक उस व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाई है जिसका शव पुरुषोत्तम के परिवार ने दफनाया था। महतो ने बताया कि मृतक के डीएनए नमूने, उंगलियों के निशान, कपड़े और अन्य सामान सुरक्षित रख लिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि व्यक्ति की मौत डूबने से हुई। पुरुषोत्तम की मां मनकुंवर इस बात से बेहद खुश हैं कि उनका बेटा जीवित है। उन्होंने कहा, "मुझे शव की तस्वीर दिखाई गई और गांव के लोगों ने कहा कि यह मेरा बेटा है। मुझे खुशी है कि मेरा बेटा ज़िंदा है।"