छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ की संपत्ति कुर्क
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की 61.20 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया है। यह कार्रवाई सोमवार को छत्तीसगढ़ के चर्चित आबकारी घोटाले के सिलसिले में की गई, जिसकी जानकारी केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को दी। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
राजनीति में हलचल
ईडी ने 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि के रूप में लगभग 59.96 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है। इसके साथ ही, 1.24 करोड़ रुपये की राशि बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में भी जब्त की गई है। ईडी की इस कार्रवाई ने राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले के संबंध में एसीबी ने चैतन्य बघेल के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, जिसके आधार पर ईडी ने जांच शुरू की।
अवैध आय का खुलासा
जांच में यह सामने आया है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण न केवल राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, बल्कि 2500 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय भी लाभार्थियों के पास गई। ईडी की जांच में यह भी पता चला कि चैतन्य बघेल ने अपराध से अर्जित आय को अपने रियल एस्टेट व्यवसाय के माध्यम से बढ़ाया और इसे बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया। चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।
सिंडिकेट का नियंत्रण
ईडी के अनुसार, पीएमएलए के तहत की गई जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर थे। मुख्यमंत्री के बेटे होने के नाते, उन्हें इस सिंडिकेट का नियंत्रक और अंतिम अधिकारी माना गया, जिससे वह अवैध धन के संग्रह, चैनलाइजेशन और वितरण से संबंधित सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेते थे।