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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भूपेश बघेल के बेटे पर गंभीर आरोप, जांच में नया मोड़

छत्तीसगढ़ में चल रहे शराब घोटाले की जांच में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने एक चार्जशीट पेश की है जिसमें चैतन्य की भूमिका को उजागर किया गया है। यह मामला 3,074 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है, जिसमें अवैध वसूली और उच्च अधिकारियों के साथ मिलीभगत का आरोप है। कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध मानती है, जबकि भाजपा इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बताती है। इस मामले में आगे की जांच और गिरफ्तारियों की संभावना बनी हुई है।
 

छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच में नया मोड़


छत्तीसगढ़: राज्य में चल रहे कथित शराब घोटाले की जांच अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा (ACB/EOW) ने 22 दिसंबर 2025 को रायपुर की विशेष अदालत में आठवां पूरक चार्जशीट पेश किया है। इस चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यह चार्जशीट लगभग 3,800 पृष्ठों की है और इसमें डिजिटल सबूतों की रिपोर्ट भी शामिल है।


आरोपपत्र में प्रमुख दावे


जांच एजेंसी का कहना है कि चैतन्य बघेल ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल (2018-2023) के दौरान आबकारी विभाग में अवैध वसूली के लिए एक संगठित गिरोह का निर्माण, संचालन और संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे उच्च अधिकारियों जैसे अनिल तुतेजा, सौम्या चौरसिया, अरुणपति त्रिपाठी और निरंजन दास के साथ-साथ जमीनी स्तर के संचालकों जैसे अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और विकास अग्रवाल के बीच समन्वय करते थे।


सबूतों से यह स्पष्ट होता है कि चैतन्य ने घोटाले की राशि को अपने विश्वसनीय लोगों के माध्यम से ऊपरी स्तर तक पहुंचाया और प्रबंधित किया। विशेष रूप से, उन्हें 200 से 250 करोड़ रुपये तक का हिस्सा प्राप्त हुआ। यह राशि त्रिलोक सिंह ढिल्लों की कंपनियों से बैंकिंग चैनल के जरिए उनके परिवार की फर्मों में ट्रांसफर की गई और चल रही रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश की गई।


घोटाले की कुल राशि 3,074 करोड़ रुपये


जांच में अब तक घोटाले की राशि 3,074 करोड़ रुपये आंकी गई है, लेकिन यह अनुमान है कि यह 3,500 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। यह घोटाला 2019-2022 के बीच हुआ, जिसमें हर शराब की बोतल से अवैध कमीशन वसूला गया। राज्य को इस मामले में भारी नुकसान हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की समानांतर जांच में भी चैतन्य पर 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को हैंडल करने का आरोप है।


चैतन्य पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और जांच जारी है। नए खुलासों के बाद मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है, जबकि भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाया गया कदम बताया है। यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में और भी गर्माहट ला रहा है।