छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में सेवानिवृत्त IAS अधिकारी की गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में नया मोड़
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: राज्य में चल रही शराब घोटाले की जांच के दौरान, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गुरुवार को सेवानिवृत्त IAS अधिकारी निरंजन दास को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक शक्तिशाली शराब सिंडिकेट के साथ मिलकर राज्य में शराब की आपूर्ति और बिक्री में गड़बड़ी की और कार्टेल को लाभ पहुंचाने के लिए नीतिगत निर्णयों में हेरफेर किया।
जांच एजेंसियों का कहना है कि दास ने न केवल नीतियों में बदलाव किया, बल्कि टेंडर प्रक्रिया में भी छेड़छाड़ की। उन पर करोड़ों रुपये के अवैध लाभ लेने और कार्टेल के हित में अधिकारियों के तबादले कराने का आरोप है। EOW का दावा है कि उनके निर्णयों ने कार्टेल की मुनाफाखोरी को बढ़ावा दिया और अवैध शराब की बिक्री को बढ़ाया।
घोटाले में एक और बड़ा नाम
एक और बड़ा नाम जुड़ा: इस गिरफ्तारी के साथ ही घोटाले में एक और बड़ा नाम सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले ही इस घोटाले का मूल्यांकन 2,500 करोड़ रुपये से अधिक किया है। यह घोटाला कथित तौर पर 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ। EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो ने 17 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें 70 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल थे। इसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक धांध का नाम भी शामिल है। अब तक इस मामले में एक चार्जशीट और चार पूरक चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं और दर्जनों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
अवैध कमीशन का खुलासा
शराब की बिक्री पर अवैध कमीशन: ED की जांच में यह सामने आया है कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट सरकारी दुकानों से शराब की बिक्री पर अवैध कमीशन वसूल रहा था और बिना अनुमति के भी बिक्री कर रहा था। इस मामले में कई प्रमुख नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें कारोबारी अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और हाल ही में गिरफ्तार किए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल शामिल हैं। जनवरी में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। निरंजन दास की गिरफ्तारी को जांच में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की परतें अभी और खुलनी बाकी हैं और आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।