छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का अहम फैसला: पति को 'पालतू चूहा' कहने पर पत्नी को मिला तलाक
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का निर्णय
Chhattisgarh High Court Divorce Case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक पारिवारिक विवाद में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जिसमें पत्नी ने पति को 'पालतू चूहा' कहकर अपमानित किया था। यह अपमान तब हुआ जब पति ने अपने माता-पिता को छोड़कर पत्नी के साथ रहने से इनकार किया। कोर्ट ने यह माना कि पत्नी का पति पर अपने माता-पिता को छोड़ने का लगातार दबाव मानसिक क्रूरता के अंतर्गत आता है। न्यायमूर्ति रजनी दुबे और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच ने कहा कि भारतीय संयुक्त परिवार की पारंपरिक मान्यताओं के संदर्भ में पति को उसके माता-पिता से अलग रहने के लिए मजबूर करना क्रूरता है। इस मामले में कोर्ट ने पत्नी की मानसिक और भावनात्मक प्रताड़ना को मान्यता देते हुए तलाक को उचित ठहराया है।
मामले का विवरण
यह दंपति 2009 में विवाह बंधन में बंधा था और उनका एक बच्चा भी है। 2016 में पति ने अदालत में तलाक की याचिका दायर की, जिसमें उसने पत्नी पर मानसिक क्रूरता और परित्याग का आरोप लगाया। पति ने बताया कि पत्नी ने 2010 में वैवाहिक घर छोड़ दिया और 2011 में केवल थोड़े समय के लिए मिलने की कोशिश की। पत्नी ने पति को एक संदेश भेजा जिसमें लिखा था कि यदि तुम अपने माता-पिता को छोड़कर मेरे साथ रहोगे तो जवाब दो, अन्यथा नहीं।
पत्नी का पक्ष
पत्नी ने मानसिक क्रूरता के आरोपों को खारिज करते हुए पति पर आर्थिक और भावनात्मक उपेक्षा का आरोप लगाया और दुर्व्यवहार का भी दावा किया। 2019 में रायपुर के फैमिली कोर्ट ने विवाह को समाप्त कर दिया था, जिसके बाद पत्नी ने हाईकोर्ट का रुख किया था।
हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने पत्नी के उन व्यवहारों को मानसिक कष्ट पहुंचाने वाला माना, जिसमें पति को अपमानित करना और उसके माता-पिता को छोड़ने पर दबाव बनाना शामिल था। बेंच ने कहा कि यह संदेश स्पष्ट करता है कि पत्नी ने पति को अपने माता-पिता को छोड़ने के लिए मजबूर किया।
भरण-पोषण की मंजूरी
तलाक को बरकरार रखते हुए हाईकोर्ट ने पति, जो रायपुर के जिला सहकारी बैंक में एकाउंटेंट हैं, को पत्नी को पांच लाख रुपये स्थायी भरण-पोषण राशि के तौर पर देने का आदेश दिया। यह राशि उसके पहले से चल रहे मासिक भरण-पोषण के अलावा होगी। बेंच ने कहा कि यह रकम पत्नी की नौकरी, बेटे की देखभाल की जिम्मेदारी और पति की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर तय की गई है।