छांगुर बाबा: 300 करोड़ की संपत्ति और अवैध धर्मांतरण का रहस्य
छांगुर बाबा के खिलाफ खुलासे
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के मामले में पकड़े गए जलालुद्दीन, जिन्हें छांगुर बाबा और पीर बाबा के नाम से भी जाना जाता है, के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। छांगुर बाबा और नीतू, जिन्हें नसरीन भी कहा जाता है, को 7 दिन की रिमांड पर रखा गया है। एटीएस और अन्य एजेंसियां इन आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही हैं, जिसमें छांगुर बाबा की 300 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है.
ED की जांच का दायरा
एटीएस का कहना है कि छांगुर बाबा पहले साइकिल पर अंगूठी बेचता था, लेकिन जब वह मुंबई और सऊदी अरब पहुंचा, तो उसकी आय में तेजी से वृद्धि हुई। अब, प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी इस मामले की जांच करने की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, ED की टीम छांगुर बाबा के 40 बैंक खातों की गहनता से जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि विदेश से उसे मिलने वाले फंड का स्रोत क्या है.
विदेश यात्रा का रहस्य
जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा ने पिछले कुछ वर्षों में 50 से अधिक बार विदेश यात्रा की है। वह विभिन्न गल्फ देशों में गया है, जहां उसके कई अनुयायी भी बताए जाते हैं। एटीएस अब इन यात्राओं के बारे में छांगुर बाबा से जानकारी जुटा रही है.
आश्रम का संचालन
सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा ने बलरामपुर में चंदौलिया बाबा की दरगाह के पास एक आश्रम पिछले लगभग 20 वर्षों से संचालित किया है। वह खुद को पीर बाबा और हजरत जलालुद्दीन के नाम से पहचानता है, और उसके अनुयायी उसे इसी नाम से पुकारते हैं. वह स्वयं को सूफी धर्म उपदेशक बताता था.