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छात्र ने NEET की फर्जी मार्कशीट बनाकर परिवार को किया धोखा

उडुपी के एक 18 वर्षीय छात्र ने NEET की फर्जी मार्कशीट बनाकर अपने माता-पिता को धोखा दिया। उसने 17,000 रुपये खर्च कर अपनी रैंक 107 दर्शाई, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो परिवार के लिए यह एक बड़ा सदमा बन गया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

फर्जी मार्कशीट का मामला

हाल के दिनों में, NEET और JEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं का दबाव बच्चों पर इतना बढ़ गया है कि कई बार वे गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। उडुपी के एक 18 वर्षीय छात्र का मामला इस संदर्भ में बेहद चौंकाने वाला है। उसने अपने माता-पिता को खुश करने के लिए NEET की एक फर्जी मार्कशीट तैयार करवाई, जिसमें उसने 17,000 रुपये खर्च कर अपनी ऑल इंडिया रैंक (AIR) 107 और 646 अंक दर्शाए। जब यह सच सामने आया, तो उसके परिवार के लिए यह एक बड़ा सदमा था।


इस छात्र ने अपने माता-पिता को अपनी सफलता के बारे में बताया, जिससे वे बेहद खुश हुए। लेकिन उनकी खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई, जब उन्हें पता चला कि इतनी अच्छी रैंक के बावजूद उनके बेटे का नाम किसी अखबार में नहीं आया। संदेह होने पर, छात्र के पिता ने सच्चाई जानने का निर्णय लिया।


उन्होंने सबसे पहले बेटे द्वारा दी गई मार्कशीट को एक स्थानीय समाचार पत्र में भेजा, लेकिन जब उन्होंने NEET की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर परिणाम चेक किया, तो उनके होश उड़ गए। असल में, उनके बेटे की रैंक 17.6 लाख थी, न कि 107। इस खुलासे के बाद, छात्र ने स्वीकार किया कि उसने 17,000 रुपये खर्च कर मार्कशीट तैयार करवाई थी।


जानकारी के अनुसार, यह छात्र अप्रैल में NEET की तैयारी कर रहा था, जब उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा। इस वीडियो में बताया गया था कि कैसे CBSE, JEE, और NEET जैसी परीक्षाओं की मार्कशीट को डिजिटल तरीके से एडिट किया जा सकता है। छात्र ने एक नंबर पर संपर्क किया, जिसने खुद को "विष्णु कुमार" बताया और 17,000 रुपये की मांग की। रकम देने के बाद, 16 जून को छात्र को एक एडिटेड स्कोरकार्ड और OMR शीट व्हाट्सएप पर भेजी गई।


छात्र के पिता, जो एक सरकारी अधिकारी हैं, ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। उन्होंने उडुपी साइबर, इकोनॉमिक एंड नारकोटिक क्राइम स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आरोपी को पकड़ने के लिए कार्रवाई की। उडुपी पुलिस अधीक्षक हरीराम शंकर के अनुसार, छात्र ने यह बताया कि उसने माता-पिता को खुश करने के लिए यह कदम उठाया था।


पुलिस ने इस मामले में आईटी एक्ट की धारा 66(c) और 66(d), और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 336(2), 318(4), 335, और 336(3) के तहत मामला दर्ज किया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं यह गिरोह और अन्य छात्रों को भी शिकार तो नहीं बना रहा।