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जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा: अगला उम्मीदवार कौन?

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखा। अब चर्चा इस बात की है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। सोशल मीडिया पर हरिवंश नारायण सिंह और नीतीश कुमार जैसे नामों की चर्चा हो रही है। क्या ये नाम सच में अगले उपराष्ट्रपति बनेंगे? जानें इस पर और क्या चल रहा है।
 

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है, जो कि एक अप्रत्याशित कदम था। उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने तत्काल प्रभाव से अपने पद से हटने की जानकारी दी। इस इस्तीफे के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?


राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

इस समय संसद का सत्र चल रहा है और बिहार में विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं। ऐसे में उपराष्ट्रपति का इस्तीफा सरकार के लिए एक चुनौती बन सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की हो रही है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। सोशल मीडिया पर कई नामों की चर्चा हो रही है।


हरिवंश नारायण सिंह का नाम

सोशल मीडिया में यह चर्चा है कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को अगला उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। उनके पास राज्यसभा की कार्यवाही संचालित करने का अच्छा अनुभव है। वह JDU के सांसद हैं, जो वर्तमान में NDA का हिस्सा है।


नीतीश कुमार की संभावनाएं

कुछ लोगों का मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है। इससे बीजेपी को बिहार में चुनावी लाभ मिल सकता है। नीतीश कुमार का राजनीतिक करियर काफी लंबा है और उनका नाम सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।


अन्य संभावित उम्मीदवार

इसके अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आरिफ मोहम्मद खान और मनोज सिन्हा के नाम भी उपराष्ट्रपति के लिए चर्चा में हैं। हालांकि, ये सभी केवल कयास हैं। असल में अगला उपराष्ट्रपति कौन बनेगा, यह भविष्य में ही स्पष्ट होगा।


इतिहास में इस्तीफे

जगदीप धनखड़ अकेले नहीं हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के खत्म होने से पहले इस्तीफा दिया। इससे पहले उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि ने 1969 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए पद छोड़ा था, जबकि आर. वेंकटरमण ने जुलाई 1987 में राष्ट्रपति पद के लिए नामित होने के बाद इस्तीफा दिया था।