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जनरल अनिल चौहान को मिला सीडीएस का कार्यकाल विस्तार, 2026 तक रहेंगे पद पर

केंद्र सरकार ने जनरल अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ाकर मई 2026 तक कर दिया है। उनकी नियुक्ति 2022 में हुई थी और अब उन्हें सुरक्षा चुनौतियों के बीच निरंतरता बनाए रखने के लिए फिर से कार्यभार सौंपा गया है। जानें उनके गौरवशाली सैन्य करियर और ऑपरेशन सिंदूर में उनके योगदान के बारे में।
 

सीडीएस का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय

केंद्र सरकार ने भारतीय रक्षा ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए बुधवार को यह घोषणा की कि मौजूदा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान मई 2026 तक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी, जो इस सितंबर में समाप्त होने वाली थी। लेकिन देश की सुरक्षा और तीनों सेनाओं के समन्वय में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए सरकार ने उनके अनुभव का लाभ उठाने का निर्णय लिया है।


रक्षा मंत्रालय का बयान

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जनरल चौहान को न केवल सीडीएस के रूप में, बल्कि सैन्य मामलों के विभाग के सचिव के पद पर भी मई 2026 तक सेवा विस्तार दिया गया है। यह आदेश तब तक मान्य रहेगा जब तक नए निर्देश नहीं दिए जाते। इसका मतलब है कि मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों के बीच सरकार रक्षा नेतृत्व में निरंतरता बनाए रखना चाहती है।


जनरल चौहान की नियुक्ति का इतिहास

2022 में सीडीएस के रूप में नियुक्ति


जनरल अनिल चौहान को 30 सितंबर 2022 को देश के दूसरे सीडीएस के रूप में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति तीन साल के लिए की गई थी और वे इस महीने सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, उनकी भूमिका और रणनीतिक दृष्टिकोण को देखते हुए सरकार ने उन्हें एक और कार्यकाल सौंपा है। यह कदम भारतीय सेना के मनोबल और रणनीतिक योजनाओं को मजबूती देने वाला माना जा रहा है।


सैन्य करियर की उपलब्धियां

गौरवशाली सैन्य करियर


जनरल चौहान 1981 में भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त कर चुके हैं। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कमान और स्टाफ पदों पर कार्य किया है। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। उनका सैन्य अनुभव और नेतृत्व क्षमता उन्हें वर्तमान में भारतीय रक्षा व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण चेहरा बनाती है।


सुरक्षा रणनीतियों में योगदान

ऑपरेशन सिंदूर और एकीकरण की दिशा


हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर में तीनों सेनाओं के बीच जिस स्तर का तालमेल देखने को मिला, उसका श्रेय भी सीडीएस चौहान को दिया गया। इस ऑपरेशन ने यह साबित किया कि भारत की सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। वर्तमान में चौहान तीनों सेनाओं के एकीकरण और संयुक्त ढांचे को मजबूत करने में लगे हुए हैं। यह पहल भविष्य की सुरक्षा रणनीतियों में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।