×

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की नई चुनौतियाँ: सुरक्षा अलर्ट जारी

जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों ने एक गंभीर अलर्ट जारी किया है। पाकिस्तान द्वारा आत्मघाती हमलों की योजना बनाई जा रही है, जिसमें चलती गाड़ियों में IED का उपयोग किया जाएगा। घाटी में आतंकियों की संख्या में वृद्धि और नए 'व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल' के सक्रिय होने से स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। सुरक्षा बलों ने कई आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ ने चुनौती को और बढ़ा दिया है।
 

सर्दियों से पहले पाकिस्तान की नई आतंकी योजना


नई दिल्ली: सर्दियों के आगमन से पहले पाकिस्तान ने एक नई आतंकवादी योजना तैयार की है। जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियों को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने एक गंभीर सुरक्षा अलर्ट जारी किया है। इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत विरोधी समूह घाटी में बड़े पैमाने पर आत्मघाती हमलों की योजना बना रहे हैं। विशेष रूप से, पाकिस्तान ने दिल्ली की तरह चलती हुई गाड़ियों में IED का उपयोग कर आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की योजना बनाई है।


घाटी में आतंकियों की संख्या में वृद्धि

ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकियों की संख्या बढ़कर 131 हो गई है। इनमें से 122 आतंकवादी पाकिस्तान से हैं, जबकि केवल 9 स्थानीय हैं। कश्मीर घाटी में स्थानीय आतंकियों की संख्या घटकर केवल तीन रह गई है, जबकि अधिकांश स्थानीय आतंकवादी चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र में सक्रिय हैं।


विदेशी आतंकियों की संख्या में वृद्धि

खुफिया आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 तक घाटी में केवल 59 पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रिय थे। इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के 21-21 आतंकवादी शामिल थे। हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के 3 और अन्य 14 समूहों के आतंकवादी भी थे। "ज़ीरो रिक्रूटमेंट" नीति के बावजूद, पाक समर्थित समूह TRF और PAFF ने भारत में नए लड़ाकों को घुसपैठ कराने में सफलता प्राप्त की है।


नए खतरे का सामना

एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, स्थानीय OGW नेटवर्क के समाप्त होने के बाद विदेशी आतंकियों का नया "व्हाइट कॉलर जैश मॉड्यूल" सक्रिय हो गया है। यह नेटवर्क इतना गुप्त है कि यह रडार पर आने से पहले ही सिस्टम में घुसपैठ कर सकता है। यही छिपा हुआ नेटवर्क सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है।


एनकाउंटर और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई

सुरक्षा बलों ने 2024 में 61 और 2023 में 60 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें से 45 आतंकवादी जम्मू-कश्मीर के अंदर एनकाउंटर में मारे गए, जबकि 16 LoC पार करने की कोशिश में ढेर हुए। 21 पाक आतंकियों के मारे जाने के साथ-साथ 28 नागरिक और 16 जवानों की भी मौत हुई। इसके बावजूद, विदेशी आतंकवादियों की घुसपैठ ने आतंकवाद विरोधी अभियान को कठिन बना दिया है।


नए आतंक नेटवर्क का आकार

पहलगाम हमले के बाद 12 शीर्ष आतंकियों के मारे जाने से सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि जैश का नया माफिया-जैसा नेटवर्क आम लोगों में घुला हुआ है और इसका आकार अभी स्पष्ट नहीं है। दिल्ली विस्फोट के बाद जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में चल रहे अभियान के बावजूद, इस मॉड्यूल की असली ताकत का अंदाजा एजेंसियों को अभी नहीं है।