जम्मू-कश्मीर में आतंकी हाशिम मूसा का अंत: सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता
आतंकी हमले का मास्टरमाइंड ढेर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए भयानक आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद, सुरक्षा बलों ने अंततः हमले के मास्टरमाइंड को खोज निकाला और उसे समाप्त कर दिया। तीन महीने और छह दिन की खोज के बाद, आज श्रीनगर के निकट एक मुठभेड़ में आतंकी हाशिम मूसा, जिसे सुलेमान शाह के नाम से भी जाना जाता है, को दो अन्य आतंकवादियों के साथ मार गिराया गया।
पूर्व पाकिस्तानी कमांडो की पहचान
सुलेमान शाह लश्कर-ए-तैयबा का एक सक्रिय सदस्य था और पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो रह चुका था। खुफिया जानकारी के अनुसार, सेना से रिटायर होने के बाद, उसने हाफिज सईद के नेतृत्व में लश्कर से जुड़कर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना शुरू किया।
सटीक खुफिया जानकारी पर आधारित ऑपरेशन
भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज सुबह हरवान के मुलनार क्षेत्र में ऑपरेशन महादेव शुरू किया। यह अभियान विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर चलाया गया। मुठभेड़ के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए, जिनमें एके-47 राइफलें, कार्बाइन, ग्रेनेड और अन्य विस्फोटक सामग्री शामिल थे। सुरक्षा बलों के अनुसार, मारे गए आतंकवादी "हाई-वैल्यू टारगेट" थे और संभवतः जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
सुरक्षा एजेंसियों की महत्वपूर्ण उपलब्धि
सुलेमान शाह की खोज में लगातार घरों की तलाशी, इलाके की घेराबंदी और खुफिया अभियान चलाए जा रहे थे। उस पर कई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप था, जिनमें अक्टूबर 2024 में एक निजी सुरंग निर्माण कंपनी के श्रमिकों पर हमला शामिल था, जिसमें सात नागरिक मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले ही उसके बारे में जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
भारत का सशक्त जवाब
पहलगाम हमले के जवाब में, भारत ने 6-7 मई की रात को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। यह अभियान रात करीब 1 बजे शुरू हुआ, जिसमें नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। ऑपरेशन का नाम उन महिलाओं की स्मृति में रखा गया जिन्होंने हमले में अपने पतियों को खो दिया था।
आतंकी ढांचों का ध्वंस
भारत की कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण केंद्र, ऑपरेशनल बेस और हथियार भंडार को नष्ट किया गया। जिन ठिकानों पर हमला हुआ, वे सभी भारत के खिलाफ साजिश और घुसपैठ की गतिविधियों से जुड़े थे, जिनमें मुरीदके (लश्कर का मुख्यालय) और बहलवापुर (जैश-ए-मोहम्मद का अड्डा) शामिल हैं, जो सीधे तौर पर पाकिस्तान में स्थित हैं।