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जम्मू-कश्मीर में कबूतर के जरिए मिली धमकी, सुरक्षा एजेंसियों ने किया बड़ा खुलासा

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक कबूतर को पकड़ा है, जिसके पैर में एक धमकी भरा नोट बंधा था। इस नोट में जम्मू रेलवे स्टेशन को 'उड़ाने' की धमकी दी गई है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। यह घटना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की नई रणनीति को दर्शाती है। सुरक्षा को कड़ा किया गया है और स्थानीय निवासियों से संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अपील की गई है।
 

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई

जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने एक महत्वपूर्ण साजिश का खुलासा किया है। आर.एस. पुरा सेक्टर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक कबूतर को पकड़ा है, जिसके पैर में एक धमकी भरा नोट बंधा हुआ था। इस नोट में जम्मू रेलवे स्टेशन को 'उड़ाने' की धमकी दी गई है। इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों को उच्च सतर्कता पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।


कबूतर बना जासूस: ISI की नई रणनीति? यह घटना पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की एक नई और चिंताजनक रणनीति को दर्शाती है। सीमा पार से कबूतरों के माध्यम से संदिग्ध सामग्री भेजने का यह पहला मामला नहीं है, लेकिन रेलवे स्टेशन जैसे संवेदनशील स्थान को निशाना बनाने की धमकी ने सुरक्षा व्यवस्था में हड़कंप मचा दिया है। BSF ने कबूतर को अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। नोट में प्रयुक्त भाषा और शब्दावली के आधार पर सुरक्षा एजेंसियां लश्कर-ए-तैयबा या जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों की संलिप्तता की आशंका जता रही हैं।


जम्मू में हाई अलर्ट: जम्मू रेलवे स्टेशन और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा को कड़ा किया गया है। यात्रियों की गहन जांच की जा रही है, और संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखी जा रही है। पुलिस और सुरक्षा बल खुफिया सूचनाओं के आधार पर शहर में गश्त बढ़ा रहे हैं। स्थानीय निवासियों से भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की गई है।


क्या है नोट में: हालांकि नोट की पूरी सामग्री का विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह जम्मू रेलवे स्टेशन को निशाना बनाने की गंभीर धमकी दे रहा है। सुरक्षा एजेंसियां कबूतर के माध्यम से संचार की सटीकता और साजिश के संभावित पैमाने का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। यह घटना भारत-पाकिस्तान सीमा पर जारी तनाव और आतंकवादी संगठनों द्वारा नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के निरंतर प्रयासों को उजागर करती है। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने इस बार एक बड़ी त्रासदी को टालने में मदद की है।