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जर्मनी ने भारतीय पेशेवरों के लिए खोले नए अवसर, अमेरिका की वीजा नीति पर तंज

जर्मनी ने भारतीय पेशेवरों के लिए नए करियर अवसरों की पेशकश की है, जबकि अमेरिका की एच1बी वीजा नीति में बदलावों के कारण स्थिति जटिल हो गई है। जर्मनी के राजदूत ने भारतीयों को अपने देश में आईटी और विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्ध नौकरियों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया है। जर्मनी की प्रवासन नीति को विश्वसनीय और आधुनिक बताते हुए, उन्होंने भारतीय पेशेवरों की आमदनी को भी उजागर किया। इस बीच, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, नए वीजा प्रतिबंधों के कारण तनाव बढ़ सकता है।
 

जर्मनी का भारत के प्रति समर्थन

अमेरिका ने एच1बी वीजा के मामले में कई बदलाव किए हैं, जिससे वह खुद ही एक मुश्किल स्थिति में फंसता जा रहा है। इस बीच, भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर बन गया है। हाल ही में, जर्मनी ने भारतीय पेशेवरों को अपने देश में आईटी प्रबंधन और विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्ध नौकरी के अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने भारतीयों से अपील की है कि वे जर्मनी में काम करने के लिए आगे आएं।


एकरमैन ने कहा कि जर्मनी की स्थिर और भरोसेमंद प्रवासी नीति के तहत भारतीय पेशेवरों को शानदार करियर के अवसर मिलते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया कि जर्मनी में काम करने वाले भारतीयों की आमदनी औसत जर्मन वेतन से भी अधिक है, जो भारतीयों की समाज और कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।


जर्मनी की प्रवासन नीति की तुलना

जर्मनी की प्रवासन नीति को विश्वसनीय और आधुनिक बताते हुए, एकरमैन ने इसे एक जर्मन कार की तरह बताया जो बिना किसी रुकावट के सीधी रेखा में चलती है। यह अमेरिकी आव्रजन प्रणाली में हाल के बदलावों के विपरीत है। यह बयान तब आया जब अमेरिका ने एच1बी वीजा के लिए आवेदन शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे भारतीय पेशेवरों के लिए अमेरिका में काम करने का रास्ता कठिन हो गया है।


व्हाइट हाउस ने नए चयन नियम भी लागू किए हैं, जिससे हजारों आवेदकों की पहुंच सीमित हो गई है।


भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी का बढ़ता आकर्षण

जर्मनी, विशेष रूप से भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए एक तेजी से लोकप्रिय गंतव्य बनता जा रहा है। जर्मन अकादमिक विनिमय सेवा के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में सभी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों में से 13% भारतीय होंगे। एक अध्ययन में बताया गया है कि 2025 तक लगभग 280,000 भारतीय नागरिक जर्मनी में स्थायी निवासी के रूप में रहेंगे।


हालांकि, अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या 2024 में 200,000 से अधिक होने की उम्मीद है, लेकिन ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ और नए वीजा प्रतिबंधों के कारण भारत और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ सकता है।