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ज़िले के दस्तावेज़ पंजीकरण विभाग में अनियमितताओं का खुलासा

ज़िले के दस्तावेज़ पंजीकरण विभाग में हाल ही में हुई जांच में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। इसमें गलत दस्तावेज़ों के माध्यम से स्टांप ड्यूटी में छूट और सरकारी नामों का गलत उल्लेख शामिल है। ज़िला प्रशासन ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल का गठन किया है। जांच में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और सतर्कता की आवश्यकता को उजागर करता है।
 

दस्तावेज़ पंजीकरण में गड़बड़ियों का मामला

समाचार : ज़िले के दस्तावेज़ पंजीकरण विभाग में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ज़िला उप-पंजीयक संतोष हिंगणे ने हाल ही में हुई जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण गड़बड़ियों का पता लगाया है। इनमें से दो प्रमुख अनियमितताएं सबसे अधिक चिंताजनक हैं: पहली, दस्तावेज़ों पर महाराष्ट्र और मुम्बई सरकार के नामों का गलत उल्लेख, और दूसरी, नियमों के खिलाफ 6 करोड़ की स्टांप ड्यूटी में छूट दी गई है।



हिंगणे ने बताया कि इन दोनों मामलों की शिकायतें दर्ज की गई हैं और जांच का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजीकरण कार्यालय में दस्तावेज़ों की सत्यता की जांच में लापरवाही बरती गई है, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हुआ है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ निजी व्यक्तियों और बिचौलियों ने सरकारी कर्मचारियों के सहयोग से गलत दस्तावेज़ों के माध्यम से स्टांप ड्यूटी में छूट प्राप्त की।


मामले की गंभीरता को देखते हुए ज़िला प्रशासन ने एक विशेष जांच दल का गठन किया है, जो पूरे मामले की गहराई से जांच करेगा। संबंधित कर्मचारियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं और संदिग्ध फाइलों को जब्त किया गया है। संतोष हिंगणे ने स्पष्ट किया कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए पंजीकरण प्रणाली को डिजिटल और अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा। यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि सरकारी कार्यालयों में सतर्कता और पारदर्शिता बनाए रखना कितना आवश्यक है, ताकि जनता के हितों की रक्षा हो सके और राज्य को राजस्व हानि से बचाया जा सके।