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जापान का तानाबाता त्योहार: प्रेम और बारिश का अनोखा संगम

तानाबाता त्योहार, जिसे जापान में प्रेम का विशेष दिन माना जाता है, 7 जुलाई को मनाया जाता है। यह पर्व प्रेमियों की एक अद्भुत कहानी से जुड़ा है, जिसमें दो सितारे साल में एक बार मिलते हैं। इस दिन लोग बारिश की कामना करते हैं, क्योंकि यह प्रेम की मुलाकात का प्रतीक है। जानें इस त्योहार की रोचक कहानी और इसे मनाने के तरीके के बारे में।
 

तानाबाता त्योहार का महत्व

जब प्रेम की बात आती है, तो एक खास दिन होता है जिसे कपल्स बड़े उत्साह से मनाते हैं। यह दिन वैलेंटाइन डे के रूप में जाना जाता है। जबकि अधिकांश देशों में 14 फरवरी को यह दिन मनाया जाता है, जापान में इसे 7 जुलाई को तानाबाता फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। तानाबाता का अर्थ है 'सितारों का त्योहार', और इस दिन प्रेमी एक बार फिर से मिलते हैं। यह जापान का एक पारंपरिक पर्व है।


तानाबाता कब मनाते हैं?

तानाबाता का पर्व प्रेमियों की एक विशेष कहानी से जुड़ा है। इसे मान्यता है कि ये प्रेमी सितारे वेगा और अल्टेयर हैं, जो साल में केवल एक बार मिलते हैं। यह पर्व जापानी कैलेंडर के अनुसार 7वें चंद्र महीने के 7वें दिन मनाया जाता है, लेकिन आधुनिक कैलेंडर के अनुसार, 7 जुलाई को इसे सही दिन माना जाता है।


तानाबाता की कहानी

तानाबाता की कथा एक प्राचीन चीनी किंवदंती से प्रेरित है, जो 8वीं शताब्दी में जापान आई थी। कहानी में एक राजकुमारी ओरिहिमे है, जो स्वर्गीय नदी के किनारे कपड़े बुनती है। वह अपने काम में बहुत मेहनती थी, लेकिन प्यार की कमी से दुखी थी। उसके पिता, जो स्वर्ग के देवता थे, ने उसकी मुलाकात हिकोबोशी से करवाई, जो गाय चराने वाला था। दोनों के बीच तुरंत प्यार हो गया और उन्होंने शादी कर ली। लेकिन उनके प्यार की गहराई के कारण, ओरिहिमे ने बुनाई का काम छोड़ दिया और हिकोबोशी ने अपनी गायों को छोड़ दिया। इस पर उनके पिता ने उन्हें अलग कर दिया और केवल 7 जुलाई को मिलने की अनुमति दी।


बारिश का महत्व

जापान में इस दिन लोग बारिश की कामना करते हैं। कथा के अनुसार, जब दोनों सितारे मिलते हैं, तो बारिश होती है। यदि मौसम साफ होता है, तो उनकी मुलाकात नहीं हो पाती और उन्हें एक साल और इंतजार करना पड़ता है। इसलिए, इस दिन को जापानी वैलेंटाइन डे कहा जाता है। जोजो जी मंदिर में लालटेन सजाए जाते हैं ताकि वे तारों की तरह चमकें।


त्योहार का उत्सव

इस दिन प्रेमी जोड़े रंग-बिरंगे कागज पर अपनी इच्छाएं लिखते हैं और उन्हें बांस की टहनियों पर लटकाते हैं। फिर इन टहनियों को नदियों में बहा दिया जाता है। लोग अपने घरों और सार्वजनिक स्थलों पर बांस की डालियों को सजाते हैं। कई जगहों पर विशेष झांकियां, नृत्य और संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। यह पर्व केवल प्रेमी जोड़ों के लिए नहीं, बल्कि बच्चों के बीच भी लोकप्रिय है।