जी-7 शिखर सम्मेलन में ट्रंप के विवादास्पद बयान से बढ़े मतभेद
जी-7 वार्षिक शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादास्पद बयान ने अन्य देशों के नेताओं के बीच मतभेद बढ़ा दिए हैं। ट्रंप ने रूस को समूह से हटाने को एक गलती बताया, जबकि अन्य देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। इस सम्मेलन में प्रमुख मुद्दों पर सहमति बनाना मुश्किल हो सकता है। जानें इस सम्मेलन के दौरान उठाए गए मुद्दे और नेताओं की प्रतिक्रियाएँ।
Jun 17, 2025, 10:53 IST
जी-7 शिखर सम्मेलन में तनावपूर्ण माहौल
जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं के बीच मतभेद तब स्पष्ट हुए जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि रूस को पूर्व G8 समूह से बाहर करना एक गंभीर गलती थी। उन्होंने याद दिलाया कि 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के बाद रूस को समूह से हटा दिया गया था। ट्रंप ने कहा कि दुश्मन के साथ बातचीत करना आवश्यक है और उस समय रूस दुश्मन नहीं था।
अन्य देशों की प्रतिक्रिया
ट्रंप की इस टिप्पणी से अन्य देशों में असंतोष फैल गया, क्योंकि अमेरिका को छोड़कर सभी देश यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रंप के बार-बार पुतिन का नाम लेने से अन्य नेताओं का गुस्सा बढ़ गया है, लेकिन वे स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि जी-7 नेताओं के बीच महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनाना कठिन हो सकता है। ट्रंप के अड़ियल रुख के कारण इस साल का शिखर सम्मेलन बेकार हो सकता है, क्योंकि वे इज़राइल-ईरान संघर्ष को कम करने के लिए प्रस्तावित बयान पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं।
संयुक्त बयान की संभावना
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जी-7 नेताओं ने कई मुद्दों पर मसौदा दस्तावेज तैयार किए हैं, लेकिन अमेरिका ने अभी तक किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। यूरोपीय राजनयिकों ने कहा कि अधिकांश मुद्दों पर यूरोपीय देश एकमत हैं, लेकिन ट्रंप की अनिश्चितता के कारण संयुक्त घोषणा की संभावना संदिग्ध है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले पांच महीनों ने अमेरिकी विदेश नीति को प्रभावित किया है, जिसमें रूस के साथ करीबी संबंध बनाने की इच्छा और सहयोगियों पर शुल्क लगाने की बातें शामिल हैं।
ट्रंप का मध्यस्थता का सुझाव
ट्रंप ने शनिवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के बाद सुझाव दिया कि रूस इज़राइल और ईरान के बीच मध्यस्थता कर सकता है। हालांकि, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस विचार को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अवैध युद्ध शुरू किया है। मैक्रों ने कहा कि जी-7 का उद्देश्य एकजुटता को बढ़ावा देना और यूक्रेन के लिए संघर्षविराम सुनिश्चित करना होना चाहिए।
सम्मेलन के मुख्य मुद्दे
एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा कि ट्रंप का सुझाव दर्शाता है कि रूस अमेरिका की सोच में गहराई से समाया हुआ है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर ज़ेलेंस्की और नाटो महासचिव मार्क रूटे भी सम्मेलन में शामिल हुए हैं। वार्ता का मुख्य केंद्र अर्थव्यवस्था, व्यापार समझौतों, चीन और मध्य पूर्व की स्थिति है। जी-7 देशों के बीच मतभेदों को देखते हुए इस सम्मेलन से किसी बड़े परिणाम की उम्मीद करना कठिन है। ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के नेताओं ने कनाडा के कनानास्किस रिसॉर्ट में बैठकें शुरू कर दी हैं, लेकिन यह देखना होगा कि क्या यह शिखर सम्मेलन लोकतांत्रिक ताकतों के बीच एकता बहाल कर पाता है।