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जींद में ठंड का कहर: फसलों को हो रहा नुकसान, प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

जींद में कड़ाके की ठंड का सिलसिला जारी है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। मौसम विभाग ने राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है। जिला प्रशासन ने नागरिकों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ठंड से बचने के उपाय बताए गए हैं। जानें इस ठंड के प्रभाव और प्रशासन की सलाह के बारे में।
 

जींद में ठंड का प्रभाव


जींद। कड़ाके की ठंड का दौर जारी है। बुधवार की सुबह हलके बादलों के साथ ठंड का अहसास हुआ। दिन चढ़ने के साथ हवा की गति बढ़ी और ठंड में इजाफा हुआ। सूरज की किरणें दिनभर नजर नहीं आईं, जिससे ठंड और बढ़ गई। लोग अलाव के पास बैठकर गर्मी पाने की कोशिश करते रहे।


बाजार में भी ठंड के कारण रौनक कम रही। लोग देर से घरों से निकले और जल्दी काम निपटा कर वापस लौट गए। बुधवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम 6 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम में आद्रता 82 प्रतिशत रही और हवा की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा रही। मौसम विभाग के अनुसार, ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है।


फसलों पर खतरा

सर्दियों में अब तक बारिश नहीं हुई है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। धुंध और कोहरे ने कुछ राहत दी थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से ठंड बढ़ रही है। सुखी ठंड और सूरज की अनुपस्थिति से फसलों पर संकट मंडरा रहा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसलों की सुरक्षा के लिए शाम को हल्की सिंचाई करनी चाहिए। पांडू पिडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि सूखी ठंड फसलों के लिए हानिकारक है।


जिला प्रशासन की एडवाइजरी

शीतलहर और कड़ाके की ठंड के चलते जिला प्रशासन ने नागरिकों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी से शीत घात से बचा जा सकता है।


सुरक्षा उपाय

शीत घात से बचने के लिए मौसम पूर्वानुमान के लिए मीडिया का ध्यान रखें। सर्दियों के लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें और घर में ठंडी हवा के प्रवेश को रोकने के लिए दरवाजों और खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। ठंड में विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए आवश्यक सावधानी बरतें और स्वास्थ्य कर्मियों से सलाह लें।