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जींद में धान के अवशेष जलाने पर दस पुलिसकर्मी निलंबित

जींद में धान के अवशेष जलाने की घटनाओं के चलते पुलिस अधीक्षक ने दस पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें एएसआई रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। किसानों को बार-बार पराली न जलाने की अपील की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। एसडीएम ने किसानों को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए प्रमुख गांवों का दौरा किया। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
 

किसानों की लापरवाही पर कार्रवाई


  • किसानों की पराली जलाने की आदत पर सख्त कार्रवाई


जींद। जिन क्षेत्रों में धान के अवशेष जलने की घटनाएं अधिक हुई हैं, वहां के पुलिस बीट कर्मचारियों को पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह ने निलंबित करने के आदेश दिए हैं। निलंबित हुए कर्मियों में पांच एएसआई रैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। इन पर अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने का आरोप है। पुलिस प्रवक्ता राजेश कुमार ने बताया कि कुलदीप सिंह ने जयवीर, इकबाल, वीरेंद्र, रिषिपाल, राजेश और अन्य कर्मचारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है।


किसानों को पराली जलाने से रोकने की अपील

इनमें अलेवा, उचाना, गढ़ी, सदर नरवाना और सफीदों सदर थाना के बीट कर्मचारी शामिल हैं। राजेश कुमार ने कहा कि किसानों से बार-बार अपील की जा रही है कि वे पराली न जलाएं। पुलिस कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया गया है ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके। इसके बावजूद पराली जलाने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।


पुलिस अधीक्षक कुलदीप सिंह ने कहा कि पराली जलाने से किसानों को खुद का नुकसान होता है, क्योंकि इससे भूमि की उपजाऊ शक्ति कम होती है और उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण प्रदूषण का कारण बनता है, जिससे अन्य लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


किसानों को दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करना

पराली जलाने पर रोक को सख्ती से लागू करने और किसानों को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिए एसडीएम जुलाना होशियार सिंह ने रविवार को प्रमुख गांवों का दौरा किया। उन्होंने किसानों से बातचीत कर स्पष्ट किया कि पराली जलाना न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है।


उन्होंने बताया कि पराली से उठने वाला धुआं हवा को जहरीला बनाता है और सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है। एसडीएम ने किसानों से अपील की कि वे सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई पराली प्रबंधन मशीनरी और योजनाओं का लाभ उठाएं और खेतों में पराली न जलाकर जिम्मेदार नागरिक बनें। इस अवसर पर कृषि अधिकारी डा. सूरजमल सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।