जींद में बारिश से फसलों को भारी नुकसान, किसानों ने किया क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन
जींद में फसल क्षति की स्थिति
जींद, फसल क्षति मुआवजा: जींद जिले में हाल की भारी बारिश ने किसानों की मेहनत पर बुरा असर डाला है। हजारों एकड़ फसल जलजमाव के कारण बर्बाद हो गई है। जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं कराया है, वे अब ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपने नुकसान की रिपोर्ट दर्ज करवा रहे हैं। शुक्रवार शाम तक 282 गांवों के 17,340 किसानों ने 1,10,908 एकड़ फसल के नुकसान का विवरण पोर्टल पर अपलोड किया। किसानों के लिए राहत की बात यह है कि वे 15 सितंबर तक अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं।
धान और कपास पर बुरा असर
जींद में धान और कपास पर दोहरी मार
जिले में धान की फसल लगभग 2 लाख हेक्टेयर में बोई गई है, जबकि कपास 20,000 हेक्टेयर में है। लेकिन केवल 17,000 किसानों ने ही फसल बीमा कराया है। धान की फसल में जलजमाव से होने वाला नुकसान बीमा में कवर नहीं होता, जिसके कारण किसान इसे करवाने में रुचि नहीं दिखाते। नरवाना और जुलाना क्षेत्रों में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। खेतों से पानी निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन फसल पकने का समय कम बचा है।
जलजमाव से बढ़ी समस्याएं
जलजमाव ने बढ़ाई मुश्किलें
लगातार एक महीने तक खेतों में पानी जमा रहने से धान की फसल में फुटाव कम हुआ है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा समय तक जलजमाव रहने से धान में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। कपास की फसल भी जलजमाव से खराब हुई है, और टिंडे गलने से इसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है।
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आंकड़े
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज आंकड़ा
क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, नरवाना में 59 गांवों के 7072 किसानों ने 44,818 एकड़, उचाना में 47 गांवों के 5218 किसानों ने 32,353 एकड़, जुलाना में 30 गांवों के 2274 किसानों ने 15,297 एकड़, जींद में 65 गांवों के 2086 किसानों ने 12,645 एकड़, अलेवा में 27 गांवों के 401 किसानों ने 2813 एकड़, पिल्लूखेड़ा में 26 गांवों के 313 किसानों ने 2394 एकड़ और सफीदों में 28 गांवों के 87 किसानों ने 690 एकड़ फसल नुकसान दर्ज किया।
स्कूलों में भी बारिश का प्रभाव
स्कूलों में भी बारिश का कहर
पिछले हफ्ते हुई तेज बारिश ने न केवल फसलों को नुकसान पहुंचाया, बल्कि स्कूलों में भी मुश्किलें बढ़ा दीं। नरवाना के भिखेवाला और सफीदों के खेड़ाखेमावती सरकारी स्कूलों में कमरों में पानी भर गया। जुलाना के किलाजफरगढ़ स्कूल परिसर में अभी भी बरसाती पानी जमा है, जिससे कई पौधे सूख गए और कमरों में गंदगी फैल गई। खेड़ाखेमावती स्कूल में दीवारों में सीलन आ गई है, और कई कमरे कंडम हो चुके हैं। स्कूल स्टाफ ने बताया कि सड़क से नीचे होने के कारण हर बारिश में स्कूल में पानी भर जाता है। पिछले हफ्ते पानी के तेज बहाव से स्कूल गेट का रैंप भी टूट गया। स्कूल ने 15 नए कमरों की मांग विभाग को भेजी है।