जींद में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आंशिक प्रभाव
हड़ताल का असर और प्रदर्शन
- इंतकाल, फर्द, रजिस्ट्री के कार्य प्रभावित, बैंकों में कैश लेन-देन भी बाधित
- रोडवेज बसों का संचालन जारी, कर्मियों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया
(जींद) ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को सरकार की नीतियों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आंशिक असर देखा गया। रोडवेज बसों का चक्का जाम करने का आह्वान किया गया था, लेकिन जींद में बसें सामान्य रूप से चलती रहीं। सुबह चार बजे रोडवेज कर्मचारी नेताओं ने बस अड्डे पर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पटवारी और कानूनगो एसोसिएशन ने भी हड़ताल में भाग लिया।
नौ जुलाई को छुट्टी नहीं देने का आदेश
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने नौ जुलाई को किसी भी कर्मचारी को छुट्टी नहीं देने का आदेश जारी किया है। हड़ताल के कारण जमीन से संबंधित कार्य जैसे इंतकाल, फर्द, रजिस्ट्री प्रभावित हुए हैं, और बैंकों में कैश लेन-देन भी ठप रहा। आंगनबाड़ी और आशा वर्कर भी हड़ताल पर रहे।
तहसील जींद के 22 पटवारी हड़ताल में शामिल रहे। दी रेवेन्यू पटवार कानूनगो एसोसिएशन के राज्य कोषाध्यक्ष सन्नी डागर और जिला प्रधान सूबे सिंह ने कहा कि हड़ताल के कारण आम लोगों के कार्य प्रभावित हुए हैं। आशा वर्कर्स और आंगनबाड़ी वर्कर्स ने लघु सचिवालय के बाहर धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
रोडवेज कर्मियों का धरना
रोडवेज कर्मचारी नेता सुबह चार बजे नए बस स्टैंड पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राज्य स्तरीय रोडवेज कर्मचारी नेता अनूप लाठर ने बताया कि भारत बंद का आह्वान 10 बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है। उनका कहना है कि सरकार केवल बड़े कॉरपोरेट्स के हित में काम कर रही है, जबकि आम आदमी की नौकरी और सुविधाएं घट रही हैं।
इसके अलावा, सरकार लेबर कानूनों को कमजोर करके यूनियनों की ताकत को खत्म करना चाहती है। रोडवेज में नई भर्तियां नहीं हो रही हैं और कर्मचारियों का पे ग्रेड नहीं बढ़ाया जा रहा। अनूप लाठर ने कहा कि वे हड़ताल में रहेंगे, लेकिन रोडवेज बसों के चक्का जाम का निर्णय स्थगित कर दिया गया है।
जींद रोडवेज डिपो के महाप्रबंधक राहुल जैन ने कहा कि डिपो से सभी बसें अपने रूटों पर चल रही हैं। हड़ताल का जींद डिपो पर कोई असर नहीं पड़ा है।