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जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों में बदलाव पर चर्चा

जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों में बदलाव पर चर्चा चल रही है, जिसमें 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को हटाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम में कमी और निर्यातकों के लिए जीएसटी रिफंड प्रक्रिया को सरल बनाने के निर्णय भी लिए जा सकते हैं। जानें इस बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में।
 

जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में संशोधन के लिए जीएसटी काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। इस दो दिवसीय बैठक के पहले दिन, बुधवार को कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की संभावना है। हालांकि, कुछ गैर-भाजपा शासित राज्यों ने इस पर आपत्ति जताई है, यह कहते हुए कि जीएसटी दरों में बदलाव से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी चाहिए। झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने दो हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका व्यक्त की है।


इस बीच, जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक के पहले दिन 12 और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त करने की मंजूरी मिलने की खबर है। अब केवल 5 और 18 प्रतिशत के स्लैब रहेंगे, और 12 प्रतिशत के स्लैब में आने वाली अधिकांश वस्तुओं को 5 प्रतिशत के स्लैब में डाल दिया जाएगा। इससे आम जनता की रोजमर्रा की आवश्यकताओं की कई चीजें सस्ती हो सकती हैं। दूसरे दिन की बैठक के बाद, चार सितंबर को निर्णयों की घोषणा की जाएगी।


पहले दिन की बैठक के बाद यह भी जानकारी मिली है कि ढाई हजार रुपये तक के जूतों और कपड़ों पर जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत किया जाएगा। पहले यह छूट केवल एक हजार रुपये तक के उत्पादों पर थी। एक रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया को 30 दिन से घटाकर केवल 3 दिन कर दिया गया है। निर्यातकों को अब जीएसटी रिफंड ऑटोमेटिक रूट से मिलेगा, इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।


बैठक के पहले दिन के बाद, जीएसटी काउंसिल ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम की दरों में कमी पर सहमति जताई है, जिससे जीवन और स्वास्थ्य बीमा लेना सस्ता हो जाएगा। इसके अलावा, जीवन रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी दरें कम करने की बात की जा रही है। पहले दिन की बैठक में ऑटोमेटिक रिटर्न फाइलिंग सिस्टम लाने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया है।