जीएसटी सुधारों से मध्यम वर्ग को मिली राहत, कीमतें हुईं कम
जीएसटी में बदलाव से मिली राहत
जीएसटी में सुधारों ने मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है। इसके चलते कई आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है, जिसमें खाद्य सामग्री, ऑटोमोबाइल, स्वास्थ्य सेवाएं, व्यक्तिगत देखभाल और अन्य घरेलू उत्पाद शामिल हैं।
अब साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर ऑयल और टूथ पाउडर जैसी रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गया है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए सामान सस्ता हो जाएगा। इससे 5,000 रुपए के किराना बिल पर 500 रुपए की बचत संभव है।
खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी घटकर 5 प्रतिशत या शून्य होने से, एक मध्यम वर्गीय परिवार जो प्रति माह लगभग 8,000-10,000 रुपए खर्च करता है, उसे लगभग 800-1,000 रुपए की बचत होगी, जो सालाना 10,000 रुपए से अधिक है।
पनीर, रोटी, पैक्ड पराठे और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर अब जीएसटी शून्य है, जबकि मक्खन, घी, पनीर, चॉकलेट, बिस्कुट और अचार पर जीएसटी को 18 या 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
सरकार ने कई शैक्षणिक उत्पादों पर टैक्स को शून्य कर दिया है, जिससे शिक्षा से जुड़े उत्पाद पहले से अधिक किफायती हो जाएंगे।
नई जीएसटी दरों के अनुसार, 1,000 रुपए की लागत वाली स्कूल किट (नोटबुक, पेंसिल, क्रेयॉन) अब 850 रुपए की हो गई है।
इसके अलावा, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं, डायग्नोस्टिक किट, प्रयोगशाला उपकरणों और चिकित्सा आपूर्ति पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
कैंसर की दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, जिससे 10,000 रुपए प्रति माह की दवा 500-1,200 रुपए सस्ती हो जाएगी।
एक टीवी, जिसकी कीमत पहले 40,000 रुपए थी, अब 4,000 रुपए सस्ती हो जाएगी। इसी तरह, 60,000 रुपए का सोलर हीटर 7,000 रुपए सस्ता होगा और 35,000 रुपए का एयर कंडीशनर 3,500 रुपए सस्ता हो जाएगा।
जीएसटी के समायोजन से कृषि उपकरणों पर कर में कमी से किसानों को भी राहत मिलेगी। कारीगरों और उद्यमियों को भी इसका लाभ होगा।