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जीतन राम मांझी ने NDA से नाता तोड़ने की दी चेतावनी

जीतन राम मांझी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में बगावती तेवर दिखाते हुए कहा कि यदि उन्हें राज्यसभा की सीट नहीं मिली, तो वे NDA से नाता तोड़ देंगे। उन्होंने बीजेपी पर बेईमानी का आरोप लगाया और अपने बेटे को राजनीति में जोखिम लेने की सलाह दी। मांझी ने पार्टी को मजबूत करने का आह्वान करते हुए जातिगत वोटों का भी जिक्र किया। जानें उनके बयानों की पूरी कहानी।
 

जीतन राम मांझी का बगावती बयान

पटना। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तान अवामी मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने हाल ही में बगावती तेवर दिखाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उन्हें राज्यसभा की सीट नहीं मिली, तो वे न केवल मंत्री पद छोड़ देंगे, बल्कि NDA से भी संबंध तोड़ लेंगे। मांझी ने यह बयान रविवार को गया में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया। अपने संबोधन में उन्होंने बीजेपी पर बेईमानी का आरोप भी लगाया।


मांझी ने अपने बेटे संतोष कुमार सुमन को समझाते हुए कहा कि बीजेपी के खिलाफ लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें राज्यसभा की सीट देने का वादा किया गया था, और यदि यह वादा पूरा नहीं हुआ, तो वे गठबंधन तोड़ने के लिए तैयार हैं।



उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उन्हें कम आंका है। मांझी ने अपने बेटे को मंच पर समझाया कि राजनीति में जोखिम लेना जरूरी है। उन्होंने अपने परिवार की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता हलवाह थे, जबकि वे केंद्रीय मंत्री हैं।


हर सांसद-विधायक लेते हैं कमीशन: जीतन राम मांझी


मांझी ने पार्टी को मजबूत करने का आह्वान करते हुए कहा कि वे राष्ट्रीय पार्टी की मान्यता दिलाने के लिए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर सांसद और विधायक कमीशन लेते हैं। उन्हें सांसद निधि के रूप में पांच करोड़ मिलते हैं, जिसका 10 प्रतिशत पार्टी को देने का वादा किया।


उन्होंने कहा कि उनके पास कई जिलों में वोट हैं और अगले चुनाव में 100 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे इंकलाब जिंदाबाद के लिए तैयार रहेंगे। मांझी ने जातिगत वोटों का भी जिक्र किया और भुइयां-मिया और भुइयां-भूमिहार का नारा दोहराया।