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जुबिन गर्ग की मौत: असम के मुख्यमंत्री ने हत्या का आरोप लगाया

गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि हत्या है। इस मामले में चार से पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जुबिन की मौत के बाद उनके परिवार ने साजिश की आशंका जताई थी, जिसके चलते असम सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है सिंगापुर की भूमिका।
 

जुबिन गर्ग की संदिग्ध मौत पर नया मोड़

गुवाहाटी: असम और पूर्वोत्तर भारत के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग की मृत्यु के मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विधानसभा में यह दावा किया कि जुबिन की मौत एक साधारण दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या का मामला है। उन्होंने कहा कि इस साजिश में शामिल सभी लोग कानून से बच नहीं पाएंगे।


सीएम सरमा ने विधानसभा में बोलते हुए सिंगापुर प्रशासन की प्रारंभिक रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें जुबिन की मौत का कारण डूबना बताया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया, "हमारी प्रारंभिक जांच के अनुसार, यह गैर-इरादतन हत्या नहीं है, बल्कि यह एक सीधी हत्या है।"


मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि आरोपियों में से एक ने जुबिन की हत्या की और अन्य ने इसमें मदद की। इस मामले में चार से पांच लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया जा रहा है।


सरमा ने विपक्ष के नेताओं पर भी निशाना साधा, कहा कि उनके बेतुके बयानों से ऐसा लगता है कि वे जुबिन के हत्यारों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी नजरें कहीं और हैं और निशाना कहीं और।


जुबिन गर्ग 19 सितंबर को 'नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल' में प्रदर्शन के लिए सिंगापुर गए थे। घटना के दिन वह सेंट जॉन आइलैंड के पास एक यॉट पर थे। बताया गया कि वह तैरने के लिए पानी में उतरे थे और लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी। सांस लेने में कठिनाई के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। सिंगापुर की आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी इसे डूबने से हुई मौत बताया गया था।


गायक की मृत्यु के बाद उनके परिवार और प्रशंसकों ने साजिश की आशंका जताई थी। इसी के चलते असम सरकार ने मामले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) और एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। चूंकि मामला अंतरराष्ट्रीय है, भारत सरकार ने सिंगापुर से जांच में सहयोग के लिए 'पारस्परिक कानूनी सहायता संधि' (MLAT) की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, ताकि वहां के सबूत और तथ्य भारतीय एजेंसियों को मिल सकें।