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जैश-ए-मोहम्मद ने बनाई महिला आतंकियों की नई शाखा, मसूद अजहर की बहन बनी प्रमुख

जैश-ए-मोहम्मद ने 'जमात-उल-मोमिनात' नामक एक नई महिला आतंकियों की शाखा का गठन किया है, जिसका नेतृत्व मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर कर रही हैं। यह संगठन अपने कमांडरों की पत्नियों और गरीब महिलाओं को भर्ती कर रहा है, जिससे भारत के लिए एक नई सुरक्षा चुनौती उत्पन्न हो रही है। इस बदलाव से जैश की रणनीति में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है, जो सुरक्षा बलों के लिए चिंता का विषय है।
 

जैश-ए-मोहम्मद की नई रणनीति

नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा बलों के 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारी नुकसान उठाने के बाद, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने भारत के खिलाफ एक नई और खतरनाक योजना बनाई है। खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, जैश ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए पहली बार महिला आतंकियों की एक अलग शाखा 'जमात-उल-मोमिनात' का गठन किया है। यह चिंता का विषय है कि इस महिला विंग की कमान जैश के प्रमुख मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को सौंपी गई है।


सूत्रों के अनुसार, सादिया अजहर का पति यूसुफ अजहर 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान बहावलपुर स्थित जैश के मुख्यालय पर भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हमले में मारा गया था। माना जा रहा है कि इस महिला दस्ते का गठन जैश को हुए नुकसान का प्रतिशोध लेने और नए सिरे से आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया गया है। यह जैश की विचारधारा में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि अब तक यह संगठन महिलाओं को सीधे तौर पर लड़ाकू अभियानों में शामिल करने के खिलाफ था।


रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महिला विंग के लिए भर्ती पाकिस्तान के बहावलपुर स्थित मरकज उस्मान-ओ-अली से शुरू हो गई है। जैश अपने कमांडरों की पत्नियों के अलावा, कराची, मुजफ्फराबाद, कोटली और मनसेहरा जैसे शहरों में स्थित अपने केंद्रों में पढ़ने वाली आर्थिक रूप से कमजोर और गरीब महिलाओं को निशाना बना रहा है और उन्हें संगठन में शामिल कर रहा है।


यह भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती है, क्योंकि जैश-ए-मोहम्मद 2001 के संसद हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले जैसी कई बड़ी आतंकी वारदातों में शामिल रहा है। महिला आतंकियों के दस्ते का गठन सुरक्षा बलों के लिए एक नई तरह की चुनौती पेश कर सकता है, क्योंकि यह ISIS और हमास जैसे वैश्विक आतंकी संगठनों की कार्यप्रणाली से मेल खाता है।