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जैस्मिन कौर का डोपिंग विवाद: एथलीट को निलंबित किया गया

भारतीय शॉट पुट एथलीट जैस्मिन कौर को नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने डोप टेस्ट में असफल होने के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। उनका टेस्ट टरब्यूटलाइन के लिए पॉजिटिव आया, जो एक प्रतिबंधित उत्तेजक पदार्थ है। जैस्मिन की उपलब्धियों और इस विवाद के कारण उनके करियर पर सवाल उठ रहे हैं। भारत में डोपिंग की समस्या भी गंभीर है, जैसा कि वाडा की रिपोर्ट में सामने आया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी।
 

जैस्मिन कौर का अस्थायी निलंबन

भारतीय शॉट पुट एथलीट जैस्मिन कौर को नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने डोप टेस्ट में असफल होने के कारण अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। नाडा द्वारा जारी की गई नवीनतम सूची में, 22 वर्षीय जैस्मिन का डोप टेस्ट टरब्यूटलाइन के लिए पॉजिटिव पाया गया, जो आमतौर पर खांसी की दवाओं में उपयोग किया जाने वाला एक उत्तेजक पदार्थ है.


जैस्मिन की उपलब्धियाँ और विवाद

पंजाब की इस युवा एथलीट ने पिछले वर्ष इंटर-यूनिवर्सिटी गेम्स में 14.75 मीटर की थ्रो के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया था। उनकी इस सफलता ने उन्हें एक उभरती हुई प्रतिभा के रूप में पहचान दिलाई थी, लेकिन डोपिंग विवाद ने उनके करियर पर सवाल खड़ा कर दिया है। टरब्यूटलाइन, जो विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित सूची में शामिल है, एक बीटा-2 एगोनिस्ट है, जिसका उपयोग अक्सर अस्थमा और खांसी के उपचार में किया जाता है। हालांकि, इसका दुरुपयोग प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, जिससे यह खेलों में प्रतिबंधित है.


निलंबन की प्रक्रिया

नाडा ने जैस्मिन को अस्थायी निलंबन की सूचना दे दी है। अब उनके पास अपने बी-सैंपल टेस्ट का अनुरोध करने या निलंबन के खिलाफ अपील करने का विकल्प है। यदि बी-सैंपल भी पॉजिटिव पाया जाता है, तो जैस्मिन को लंबी अवधि के लिए प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। नाडा के नियमों के अनुसार, डोपिंग उल्लंघन के लिए पहली बार दोषी पाए जाने पर चार साल तक का प्रतिबंध लगाया जा सकता है, हालांकि "नो सिग्निफिकेंट फॉल्ट या नेग्लिजेंस" के आधार पर सजा को कम किया जा सकता है, जैसा कि हाल के कुछ मामलों में देखा गया है.


भारत में डोपिंग की समस्या

जैस्मिन कौर का मामला भारत में डोपिंग की बढ़ती समस्या को फिर से उजागर करता है। विश्व एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में नाडा द्वारा लिए गए 5,606 नमूनों में 213 प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष (एएएफ) दर्ज किए गए, जो दुनिया में सबसे अधिक है। यह भारत के लिए एक चिंताजनक स्थिति है, खासकर जब देश 2036 ओलंपिक की मेजबानी की दावेदारी कर रहा है। वाडा ने भारत से डोपिंग के खिलाफ तत्काल और मजबूत कदम उठाने की अपील की है.