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जैस्मिन लेंबोरिया ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन लेंबोरिया ने 2025 की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम श्रेणी में गोल्ड मेडल जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। फाइनल में उन्होंने पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को हराया। जैस्मिन की यह जीत न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय बॉक्सिंग के लिए भी एक नई उम्मीद का संदेश है। जानें उनकी जीत की कहानी और अन्य भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बारे में।
 

जैस्मिन की ऐतिहासिक जीत

जैस्मिन लेंबोरिया: भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन लेंबोरिया ने 2025 की वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। फाइनल में उन्होंने पोलैंड की अनुभवी बॉक्सर जूलिया सेरेमेटा को हराया, जो इस चैंपियनशिप में भारत का पहला गोल्ड मेडल है।


फाइनल मुकाबला काफी प्रतिस्पर्धात्मक रहा। पहले राउंड में जैस्मिन थोड़ी पीछे रहीं, लेकिन दूसरे राउंड में उन्होंने शानदार वापसी की। लगातार पंच और तेज मूवमेंट के साथ उन्होंने मुकाबले का रुख अपने पक्ष में मोड़ दिया। अंततः उन्हें 4-1 के स्प्लिट निर्णय से विजेता घोषित किया गया। जूलिया सेरेमेटा, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में सिल्वर मेडल जीता था, के खिलाफ यह जीत भारतीय खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को और बढ़ाती है।


'ओलंपिक की हार से मिली सीख'

जीत के बाद जैस्मिन ने कहा, 'पेरिस ओलंपिक्स में मेरा प्रदर्शन बहुत निराशाजनक था। मैं जल्दी बाहर हो गई थी। उस हार ने मुझे और मजबूत बनाया और मैंने ठान लिया था कि अब खुद को साबित करना है।' उनकी यह जीत भारतीय बॉक्सिंग के लिए नई उम्मीद का संदेश देती है।


फाइनल से पहले, जैस्मिन ने सेमीफाइनल में वेनेजुएला की ओमैलिन अल्काला को 5-0 के बड़े अंतर से हराया था। उनके पंच और डिफेंस ने सभी को प्रभावित किया। वर्ल्ड चैंपियनशिप में अन्य भारतीय खिलाड़ियों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। नूपुर शेरॉन ने 80+ किग्रा श्रेणी में फाइनल तक पहुंचकर सिल्वर मेडल जीता, जबकि अनुभवी बॉक्सर पूजा रानी ने 80 किग्रा श्रेणी में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया।


भारत के लिए ऐतिहासिक दिन

जैस्मिन लेंबोरिया की यह उपलब्धि भारतीय बॉक्सिंग के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गई है। गोल्ड मेडल जीतकर उन्होंने न केवल देश का नाम रोशन किया, बल्कि आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी बनीं। विशेषज्ञों का मानना है कि जैस्मिन की यह जीत भारतीय महिला मुक्केबाजी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने में मदद करेगी।