जॉर्जिया में सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन, स्थिति तनावपूर्ण
जॉर्जिया में प्रदर्शन की स्थिति
जॉर्जिया में विरोध प्रदर्शन: हाल ही में नेपाल और बांग्लादेश में युवाओं द्वारा सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों की सरकारें गिर गईं। अब जॉर्जिया में भी स्थिति कुछ ऐसी ही बनती दिख रही है। यहां की सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा उभर आया है और बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसक प्रदर्शनों के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई है, जिससे निपटने के लिए प्रशासन सक्रिय है.
स्थानीय चुनावों के बाद बढ़ा तनाव
जॉर्जिया में स्थानीय निकाय चुनाव के बाद से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विपक्षी दलों ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं और चुनाव का बहिष्कार किया है। अब लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। स्थानीय प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन, पेपर स्प्रे और आंसू गैस का उपयोग कर रहा है.
राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारी घुसे
प्रदर्शनकारियों का राष्ट्रपति भवन में घुसना: जब प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने का प्रयास किया, तब स्थिति और बिगड़ गई। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी ऑर्बेलियानी पैलेस, जो कि जॉर्जिया का राष्ट्रपति भवन है, में घुस गए और जोरदार प्रदर्शन करने लगे। प्रशासन को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई.
प्रधानमंत्री का आरोप
यूरोपीय संघ पर आरोप: जॉर्जिया के प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्ज़े ने इस मामले में आक्रोश व्यक्त किया है और यूरोपीय संघ पर प्रदर्शनकारियों को समर्थन देकर लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने यूरोपीय संघ का झंडा उठाया था और राष्ट्रपति भवन के बाहर बैरिकेड्स में आग लगा दी थी.
संसदीय चुनावों के बाद की स्थिति
राजनीतिक संकट: पिछले साल के संसदीय चुनावों के बाद से जॉर्जिया में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह चुनाव में धांधली कर रही है। चुनाव की निगरानी करने वाली टीम ने भी पारदर्शिता की कमी की बात कही थी, जिसके बाद से राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया है. अब नेपाल और बांग्लादेश की तरह जॉर्जिया में भी स्थिति तनावपूर्ण हो गई है.