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जोधपुर में दहेज के लिए महिला शिक्षिका ने बेटी के साथ लगाई आग

राजस्थान के जोधपुर में एक महिला शिक्षिका ने दहेज के लिए उत्पीड़न से तंग आकर अपनी तीन साल की बेटी के साथ आत्मदाह कर लिया। इस दर्दनाक घटना ने समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ एक बार फिर सवाल उठाए हैं। संजू बिश्नोई ने अपने पति और ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और इसके सामाजिक प्रभाव।
 

दर्दनाक घटना जोधपुर में

राजस्थान के जोधपुर से एक अत्यंत दुखद घटना सामने आई है, जिसमें एक महिला शिक्षिका ने दहेज के दबाव से तंग आकर अपनी तीन साल की बेटी के साथ आत्मदाह कर लिया। इस घटना में मां और बेटी दोनों की जान चली गई। यह मामला जोधपुर जिले के डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाडा गांव का है। जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली 32 वर्षीय संजू बिश्नोई लंबे समय से अपने पति और ससुराल वालों द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित की जा रही थी। शुक्रवार को, जब वह स्कूल से घर लौटी, तो उसने अपनी बेटी यशस्वी को गोद में उठाया, घर में पेट्रोल छिड़का और फिर खुद को और अपनी बेटी को आग लगा दी।


घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें संजू ने अपने पति दिलीप बिश्नोई, सास-ससुर और अन्य परिवार के सदस्यों पर दहेज के लिए लगातार उत्पीड़न करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मृतका के पिता की शिकायत पर पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।


जब पड़ोसियों ने घर से धुआं उठते देखा, तो वे तुरंत वहां पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस को सूचित किया गया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। यह घटना एक बार फिर दहेज प्रथा के भयानक पहलू को उजागर करती है और यह सवाल उठाती है कि कब तक बेटियां इस क्रूर प्रथा की शिकार होती रहेंगी।