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ज्योति फाउंडेशन ने 14 बाढ़ प्रभावित गाँवों को गोद लिया, राहत कार्य जारी

ज्योति फाउंडेशन ने फाजिल्का के 14 बाढ़ प्रभावित गाँवों को गोद लिया है, जहाँ राहत कार्यों का दूसरा चरण शुरू किया गया है। 4,500 से अधिक राहत किटें वितरित की गई हैं और 10,000 से अधिक नागरिकों को सहायता प्रदान की जा रही है। फाउंडेशन का उद्देश्य दीर्घकालिक रिकवरी और आपदा प्रबंधन के लिए समुदायों को सशक्त बनाना है। इस कठिन समय में, बच्चों और प्रभावित परिवारों के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
 

राहत कार्यों का विस्तार

-4,500 से अधिक राहत किटें वितरित, 12,000 से अधिक नागरिकों को सहायता प्रदान


फाजिल्का: फाजिल्का के सीमावर्ती क्षेत्र में पिछले 25 दिनों से चल रहे बाढ़ राहत कार्यों के अंतर्गत, ज्योति फाउंडेशन ने राहत कार्यों के पहले चरण को समाप्त करते हुए 14 बाढ़ प्रभावित गाँवों को पुनर्निर्माण और पुनर्वास के लिए गोद लिया है। यह कदम आपातकालीन बचाव से रिकवरी की दिशा में उठाया गया है।


पहले 15 दिनों में, ज्योति फाउंडेशन ने नावों के माध्यम से व्यापक बचाव कार्य किए, जिसमें बाढ़ में फंसे परिवारों और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना, प्राथमिक सहायता प्रदान करना और आपातकालीन राहत उपलब्ध कराना शामिल था। अनुमान के अनुसार, 12,988 लोग प्रभावित हुए, 3,309 परिवारों को नुकसान हुआ, 7,365 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हुई और 8,000 से अधिक पशु प्रभावित हुए।


अब जब पानी का स्तर घट रहा है, फाउंडेशन ने राहत और रिकवरी कार्यों के दूसरे चरण की शुरुआत की है। 4,500 से अधिक पारिवारिक राहत किटें वितरित की गई हैं और 14 गाँवों के 10,000 से अधिक नागरिकों को सहायता दी जा रही है। चिकित्सकीय टीमें मलेरिया, डेंगू और दस्त जैसी बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठा रही हैं, जिसमें फॉगिंग, क्लोरीनीकरण और पानी के नमूनों की जाँच शामिल है।


ज्योति फाउंडेशन ने गुलाबा भैणी गाँव के स्कूल को पुनः क्रियाशील किया है। स्कूल के रखरखाव, स्वच्छता, फॉगिंग, सोलर लाइटें लगाने और कीचड़ व मलबा हटाने के लिए कार्य किया जा रहा है ताकि बच्चे सुरक्षित रूप से अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर सकें।


ज्योति फाउंडेशन के संस्थापक अजीत बराड़ ने कहा, “जब आप किसी बचाव नाव में होते हैं और परिवारों को छतों से भोजन और पानी के लिए पुकारते हुए देखते हैं, तो आपको एहसास होता है कि ये सिर्फ आँकड़े नहीं हैं - यह जीवन बचाने का प्रश्न है। राहत बेहद आवश्यक है, लेकिन मुश्किल समय से उबारना भी उतना ही ज़रूरी है।”


राहत कार्यों का दूसरा चरण दीर्घकालिक रिकवरी पर केंद्रित रहेगा। फाउंडेशन ने ऐसे बुनियादी ढाँचे को तैयार करने के लिए आर्किटेक्ट नियुक्त किए हैं जो बाढ़ और आपदाओं का सामना कर सकें। इसके साथ ही, आपदा-संबंधी प्रशिक्षण और तैयारी के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य समाज के सबसे संवेदनशील वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्थायी और आपदाओं का मुकाबला करने हेतु समुदायों को सशक्त बनाना है।


इस कठिन घड़ी में फँसे लोगों को दीर्घकालिक राहत प्रदान करने के लिए पहले से ही रणनीतिक साझेदारियाँ सुनिश्चित की गई हैं। जोमैटो ने गोद लिए गए सभी 14 गाँवों के लिए राशन संबंधी सहायता देने का संकल्प जताया है, जबकि सीड्स इंडिया ने आश्रय, बर्तन और वॉश किटें उपलब्ध कराई हैं। इसके अतिरिक्त, इस स्थिति से उबरने के लिए महत्त्वपूर्ण पहलकदमियों पर विचार-विमर्श जारी है।


ज्योति फाउंडेशन की चेयरपर्सन प्रभकिरण बराड़ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सामग्री उपलब्ध कराने के अतिरिक्त, मुख्य उद्देश्य उन बच्चों को सदमे से बाहर निकालना है जिन्होंने अपनी आँखों से इस भयंकर तबाही को देखा है।


यह ध्यान देने योग्य है कि ज्योति फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संस्था है जो पंजाब और इसके बाहर जल सुरक्षा, पर्यावरणीय स्थिरता, आपदा प्रबंधन और जनस्वास्थ्य के लिए दृढ़ता से कार्यरत है। साक्ष्य-आधारित हस्तक्षेप और मजबूत सामुदायिक सहयोग के माध्यम से, फाउंडेशन हमेशा राहत और आपदा प्रबंधन के लिए तत्पर रहता है।