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झारखंड में बच्चों के अश्लील वीडियो के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़

झारखंड की सीआईडी ने बच्चों के अश्लील वीडियो के एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस नेटवर्क में शामिल आरोपी टेलीग्राम और क्लाउड स्टोरेज का उपयोग कर वीडियो बेचते थे। जांच में पता चला कि आरोपी ओमान, बांग्लादेश और यूएई के नागरिकों को भी वीडियो बेचते थे। यह मामला बच्चों की सुरक्षा और साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर करता है। पीड़िता की शिकायत के बाद कार्रवाई शुरू हुई, जिससे दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। सीआईडी अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
 

बच्चों के अश्लील वीडियो के व्यापार का खुलासा

झारखंड की सीआईडी ने बच्चों के अश्लील वीडियो की खरीद-बिक्री करने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। यह नेटवर्क न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी सक्रिय था, जिसमें आरोपी टेलीग्राम चैनलों और क्लाउड स्टोरेज का उपयोग करके वीडियो बेचते थे। सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने बोकारो जिले से दो संदिग्धों, अंकित कुमार और विवेक कुमार, को गिरफ्तार किया है।


जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य

जांच के दौरान पता चला कि आरोपी इस नेटवर्क के माध्यम से बच्चों के शोषण से संबंधित वीडियो और तस्वीरें बड़ी मात्रा में इकट्ठा कर उन्हें बेचते थे। उनके डिजिटल उपकरणों से ऐसे कई सबूत मिले हैं। अधिकारियों का कहना है कि आरोपी पहले टेलीग्राम पर वीडियो का छोटा क्लिप साझा करते थे, और फिर जो लोग पूरा वीडियो देखना चाहते थे, उन्हें क्यूआर कोड भेजते थे। भुगतान के बाद लिंक साझा किया जाता था, और एक वीडियो की कीमत 499 रुपये से लेकर 1699 रुपये तक थी।


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला नेटवर्क

यह नेटवर्क केवल भारत तक सीमित नहीं था। आरोपी इन वीडियो को ओमान, बांग्लादेश और संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों को भी बेचते थे। इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क ने जांच एजेंसियों की चिंता को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा और साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर करता है।


पीड़िता की शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई

यह कार्रवाई तब शुरू हुई जब राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर एक शिकायत दर्ज की गई। झारखंड की एक पीड़िता ने बताया कि उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो उसकी सहमति के बिना एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए थे। इस घटना से पीड़िता मानसिक तनाव में थी और उसने आत्महत्या जैसे विचारों का जिक्र किया। शिकायत मिलते ही सीआईडी ने त्वरित कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।


आरोपियों की खोज जारी

सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने कहा है कि यह नेटवर्क काफी बड़ा हो सकता है और इसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं। i4c (Indian Cyber Crime Coordination Centre) के सहयोग से गहन जांच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है। सीआईडी का कहना है कि बच्चों को ऐसे साइबर अपराधों से बचाने के लिए लोगों को जागरूक होना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करनी चाहिए।