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झारखंड में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जबरन प्रवेश के मामले में FIR दर्ज

झारखंड के देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश के आरोप में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस घटना ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने और भक्तों के बीच अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया गया है। निशिकांत दुबे ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है और गिरफ्तारी देने की घोषणा की है। इस विवाद ने राजनीतिक हलचल मचा दी है और आम आदमी पार्टी ने निष्पक्ष जांच की मांग की है।
 

मंदिर में अव्यवस्था का मामला

झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह में कथित रूप से जबरन प्रवेश करने के आरोप में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी समेत छह व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस घटना ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने और श्रावण मास में भक्तों के बीच अव्यवस्था फैलाने का आरोप लगाया गया है।


आरोपों की गंभीरता

मंदिर में जबरन प्रवेश का आरोप

मंदिर के पुजारी कार्तिक नाथ ठाकुर की शिकायत पर FIR दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, कांशिकानाथ दुबे, शेषाद्रि दुबे और अन्य ने श्रावण मास के दौरान VVIP प्रवेश पर प्रतिबंध के बावजूद गर्भगृह में प्रवेश किया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "इन व्यक्तियों के खिलाफ गर्भगृह में प्रवेश, धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन और पुलिस के साथ झड़प कर सरकारी कार्य में बाधा डालने के लिए FIR दर्ज की गई है।" शिकायत में यह भी कहा गया है कि इस घटना से भक्तों में दहशत फैल गई और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई।


निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया

गिरफ्तारी की घोषणा

निशिकांत दुबे ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने X पर लिखा, "मुझ पर पूजा करने के लिए केस दर्ज किया गया है। अब तक मेरे खिलाफ 51 मामले दर्ज हो चुके हैं। कल मैं देवघर हवाई अड्डे से सीधे थाने जाऊंगा और गिरफ्तारी दूंगा।" उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश बताया।


श्रावण मेला की स्थिति

भक्तों की संख्या

श्रावण मास में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में अब तक लगभग 55 लाख कांवरिया जलाभिषेक कर चुके हैं। इस दौरान भारी भीड़ को देखते हुए VVIP प्रवेश पर रोक लगाई गई थी, ताकि भक्तों को कोई असुविधा न हो।


राजनीतिक हलचल

विवाद का प्रभाव

इस घटना ने राजनीतिक और धार्मिक समुदायों में हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और मंदिर की पवित्रता तथा भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.