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झालावाड़ में स्कूल हादसे के बाद प्रशासन की प्राथमिकता पर सवाल

झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिरने से 8 बच्चों की मौत और 30 से अधिक घायल हो गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने VIP मूवमेंट के लिए एक दिन में सड़क बनाई, जो अगले ही दिन खराब हो गई। यह स्थिति प्रशासन की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाती है। जानें इस मामले में जिला कलेक्टर की क्या प्रतिक्रिया रही।
 

झालावाड़ में दर्दनाक हादसा

झालावाड़ समाचार: राजस्थान के झालावाड़ जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। हाल ही में, एक सरकारी स्कूल की पुरानी छत गिरने से 8 बच्चों की जान चली गई, जबकि 30 से अधिक बच्चे घायल हो गए। इसके बाद, एक दिन में VIP के लिए बनाई गई सड़क फिर से खराब हो गई, जिससे पुरानी स्थिति लौट आई। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है।


प्रशासन की प्राथमिकता पर सवाल

दरअसल, स्कूल में हुए इस हादसे के समय, प्रशासन VIP मूवमेंट की तैयारियों में व्यस्त था। राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह घायल बच्चों से मिलने के लिए अस्पताल आने वाले थे। इस सूचना के बाद, जिला प्रशासन ने तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी ब्लॉक तक जाने वाले रास्ते को सुधारने का काम शुरू किया। प्रशासन ने एक दिन में नई सड़क बना दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनकी प्राथमिकता बच्चों के इलाज से ज्यादा VIP की यात्रा को सुगम बनाना था।


सड़क की स्थिति पर चिंता

न्यूज मीडिया की टीम ने शनिवार को उस सड़क का दौरा किया, जो एक दिन पहले बनाई गई थी। हैरानी की बात यह थी कि वह सड़क अब फिर से गड्ढों में तब्दील हो चुकी थी। कंक्रीट उखड़ रहा था और डामर बह रहा था, जिससे एंबुलेंस को फिर से खराब रास्तों से मरीजों को अस्पताल लाना पड़ा। यह स्थिति प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है।



जिला कलेक्टर की प्रतिक्रिया

जब इस मुद्दे ने तूल पकड़ा, तो जिला कलेक्टर ने कहा कि उन्हें इस काम की जानकारी नहीं थी और वह जल्द ही इसकी जांच कराने का आश्वासन दिया।