टॉमी रॉबिन्सन का हिंदू समुदाय के प्रति समर्थन: एक नई राजनीतिक दिशा
ब्रिटेन में हिंदुओं का समर्थन
ब्रिटेन के दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन, जो अपने कट्टर एंटी-इमिग्रेंट विचारों के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में भारतीय समुदाय, विशेषकर हिंदुओं के प्रति अपने समर्थन का इजहार किया है। उन्होंने हिंदुओं की सराहना करते हुए कहा है कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो वह उनके लिए सड़कों पर उतरने से नहीं हिचकिचाएंगे।
हिंदू प्रवासियों की विशेषताएँ
रॉबिन्सन का मानना है कि हिंदू प्रवासी अन्य समुदायों की तुलना में अधिक समर्पित और शांतिपूर्ण होते हैं। उनका कहना है कि हिंदू ब्रिटिश समाज में आसानी से समाहित हो जाते हैं और किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न नहीं करते। इसके विपरीत, वह मुस्लिम प्रवासियों को अक्सर 'आक्रामक' और 'अपराधी मानसिकता' वाला बताते हैं। 2022 में लीसेस्टर में हुई हिंदू-मुस्लिम झड़पों के बाद, उन्होंने हिंदुओं का समर्थन करते हुए कहा था कि वह उनकी सुरक्षा के लिए सैकड़ों लोगों को एकत्रित कर सकते हैं।
राजनीतिक विचारधारा का समर्थन
रॉबिन्सन ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की भी प्रशंसा की है। उन्होंने 2024 के आम चुनावों में मोदी की जीत को 'पॉपुलिस्ट क्रांति' बताया और सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत ने लगातार तीसरी बार इस्लाम और कम्युनिज्म से दूरी बनाई है। यह दर्शाता है कि वह हिंदुओं को अपने राजनीतिक दृष्टिकोण का स्वाभाविक सहयोगी मानते हैं।
हिंदुओं से एकजुटता की अपील
रॉबिन्सन का मानना है कि ब्रिटेन में हिंदुओं को निष्क्रिय नहीं रहना चाहिए। उन्होंने सिख समुदाय का उदाहरण देते हुए कहा कि जब जरूरत होती है, तो सिख एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद के लिए तत्पर रहते हैं। वह चाहते हैं कि हिंदू भी इसी तरह एक मजबूत सामुदायिक नेटवर्क बनाएं ताकि उन्हें किसी भी प्रकार के हमलों या अन्याय का सामना अकेले न करना पड़े।
आलोचना और हिंदुओं की स्थिति
हालांकि, हिंदू समुदाय का एक हिस्सा रॉबिन्सन का समर्थन स्वीकार करने में हिचकिचाता है। आलोचक उन पर श्वेत वर्चस्ववादी विचारधारा से जुड़े होने का आरोप लगाते हैं, जिससे हिंदुओं को ऐसे गुटों का सहयोगी बताकर बदनाम किया जा सकता है। फिर भी, रॉबिन्सन का कहना है कि हिंदुओं को आलोचनाओं से डरने के बजाय अपनी सुरक्षा और अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।