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ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक: रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने की संभावनाएं

डोनाल्ड ट्रंप और वोलोडिमिर जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में हुई बैठक ने रूस-यूक्रेन युद्ध के शीघ्र समाप्त होने की नई उम्मीदें जगाई हैं। ट्रंप ने कहा कि यह संघर्ष अब बहुत लंबा खिंच चुका है और इसे खत्म करने का एक अच्छा मौका है। उन्होंने त्रिपक्षीय बैठक की संभावना पर भी चर्चा की, जिसमें अमेरिका, रूस और यूक्रेन शामिल हो सकते हैं। जेलेंस्की ने कूटनीतिक समाधान की इच्छा जताई, लेकिन जमीनों की अदला-बदली को स्वीकार नहीं किया। इस बैठक के परिणामों पर सभी की नजरें टिकी हैं।
 

ट्रंप और जेलेंस्की की व्हाइट हाउस में मुलाकात

डोनाल्ड ट्रंप और वोलोडिमिर जेलेंस्की की मुलाकात: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के बाद, ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध के शीघ्र समाप्त होने की उम्मीद जताई है। उनका कहना है कि यह संघर्ष अब काफी लंबा खिंच चुका है और लाखों लोगों की जानें जा चुकी हैं, लेकिन अब इसे समाप्त करने का 'एक अच्छा मौका' है। उन्होंने यह भी कहा कि न केवल वे और जेलेंस्की, बल्कि रूस भी इस युद्ध का अंत चाहता है।


संभावित त्रिपक्षीय बैठक की चर्चा

जेलेंस्की से मुलाकात के बाद, ट्रंप ने कहा कि अनगिनत लोगों की हत्या को रोकने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ती है, तो अमेरिका, रूस और यूक्रेन के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक हो सकती है। ट्रंप का मानना है कि यह युद्ध पिछले चार वर्षों से चल रहा है और कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। दोनों पक्षों के सैनिकों की हानि किसी भी देश की सुरक्षा के लिए उचित नहीं है।


ट्रंप का शांति पर जोर

बैठक के दौरान, ट्रंप ने कहा कि वे यूक्रेन के साथ मिलकर काम करेंगे और रूस के साथ भी सहयोग जारी रखेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि शांति चाहिए, तो यह दीर्घकालिक होनी चाहिए। वे दो साल की शांति की बात नहीं कर रहे हैं और सही बातचीत के बिना उलझन में फंसने की चेतावनी दी।


जेलेंस्की की प्रतिक्रिया

बैठक में, जेलेंस्की ने युद्ध समाप्त करने के लिए कूटनीतिक रास्ता निकालने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन उन्होंने जमीनों की अदला-बदली को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान राष्ट्रपति चुनाव नहीं हो सकते हैं। अमेरिका के हथियार यूक्रेन की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, और किसी अन्य देश के पास ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है।