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ट्रंप और पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात: शांति की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं

अलास्का में ट्रंप और पुतिन के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिशें की गईं, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। दोनों नेताओं ने इसे शुरुआत बताया और आगे की वार्ता की संभावना जताई। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों की संख्या और जेलेंस्की का संदेश भी चर्चा का विषय रहे। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के सभी पहलुओं के बारे में।
 

ट्रंप-पुतिन वार्ता का सारांश

ट्रंप-पुतिन बैठक: अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई ऐतिहासिक मुलाकात किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने और शांति स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित यह वार्ता ढाई घंटे तक चली। हालांकि, इस दौरान न तो संघर्षविराम पर सहमति बनी और न ही कोई लिखित समझौता हुआ। दोनों नेताओं ने इसे केवल शुरुआत बताया और संकेत दिया कि आगे की बातचीत मॉस्को में हो सकती है।


बैठक का महत्व

यह बैठक 2019 के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने मुलाकात थी, जो जॉइंट बेस एल्मनडॉर्फ-रिचर्डसन, अलास्का में आयोजित की गई। इस स्थान का चुनाव प्रतीकात्मक माना जा रहा है, क्योंकि अलास्का को अमेरिका ने 1867 में रूस से खरीदा था। बैठक के दौरान मंच पर 'पर्सुइंग पीस' यानी शांति की ओर लिखा हुआ बैकड्रॉप भी चर्चा का विषय रहा।


ट्रंप का आमंत्रण

ट्रंप अगली वार्ता के लिए आमंत्रित: बैठक से पहले ट्रंप ने कहा था कि वह दो चीजें चाहते हैं: पहला, यूक्रेन युद्ध का तुरंत अंत और दूसरा, पुतिन का यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से सीधे मुलाकात का वादा। लेकिन न तो युद्धविराम पर सहमति बनी और न ही जेलेंस्की से मिलने की ठोस बात सामने आई। इसके बजाय, पुतिन ने ट्रंप को मॉस्को में अगली वार्ता के लिए आमंत्रित किया, जिसे ट्रंप ने दिलचस्प प्रस्ताव बताया और कहा कि वह इस पर विचार करेंगे।


प्रतिनिधियों की संख्या

बैठक में तीन-तीन प्रतिनिधि शामिल: इस बैठक में दोनों पक्षों से तीन-तीन प्रतिनिधि शामिल हुए। अमेरिकी पक्ष से ट्रंप के साथ सीनेटर मार्को रुबियो और सलाहकार स्टीव विटकॉफ थे। वहीं, रूसी पक्ष से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और शीर्ष सलाहकार यूरी उशाकोव मौजूद रहे। यह व्यवस्था 2018 की हेलसिंकी बैठक से अलग थी, जिसमें ट्रंप पर पुतिन के पक्ष में झुकने का आरोप लगा था।


संघर्ष की जड़ें

संघर्ष की वास्तविक वजह: बैठक के बाद पुतिन ने कहा कि वह युद्ध को एक त्रासदी मानते हैं और इसे समाप्त करने में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि संघर्ष की वास्तविक वजह सुलझाए बिना समाधान संभव नहीं है। वहीं, ट्रंप ने कहा कि कई मुद्दों पर सहमति बनी है, लेकिन एक सबसे अहम बिंदु पर अब भी मतभेद कायम है।


जेलेंस्की का संदेश

जेलेंस्की का संदेश: बैठक के बाद पुतिन ने अलास्का में उन सोवियत पायलटों की कब्र पर पुष्प अर्पित किए जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां दुर्घटनाओं में मारे गए थे। इस वार्ता में यूक्रेन और यूरोपीय देशों को शामिल नहीं किया गया। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो संदेश में कहा कि युद्ध इसलिए लंबा चल रहा है क्योंकि रूस ने अब तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया कि वह इसे रोकना चाहता है। उन्होंने अमेरिका से सख्त रुख अपनाने की अपील की।