ट्रंप का इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में नया आश्वासन
इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में अमेरिकी कूटनीति का नया मोड़
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध: मध्य पूर्व का संकट अब अमेरिकी कूटनीति के एक नए चरण में प्रवेश कर गया है, जहां ट्रंप का एक वादा अरब देशों में नई उम्मीद जगा रहा है। गाजा में हो रही तबाही और वेस्ट बैंक पर इजरायली कब्जे की संभावनाओं के बीच, ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका इजरायल को वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगा। यह आश्वासन न केवल अरब देशों के दबाव का परिणाम है, बल्कि अमेरिका की मध्यस्थता को मजबूत करने की एक रणनीति भी प्रतीत होती है। दोहा में हुई बैठक के बाद आया यह बयान क्षेत्रीय शांति के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है।
न्यूयॉर्क में अरब और मुस्लिम नेताओं के साथ बातचीत के दौरान, ट्रंप ने दृढ़ता से कहा कि इजरायल वेस्ट बैंक पर कब्जा नहीं करेगा। पोलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, छह सूत्रों ने पुष्टि की कि ट्रंप ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को रोकने का आश्वासन दिया। वेस्ट बैंक, जो फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अधीन है, पर इजरायली बस्तियों का विस्तार लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। अरब नेता अब्राहम समझौते के पतन की चिंता जता रहे थे, और ट्रंप का यह कदम उसी चिंता को दूर करने का प्रयास है।
व्हाइट हाउस का युद्ध समाप्ति का खाका
ट्रंप की टीम ने अरब नेताओं के सामने एक व्हाइट पेपर प्रस्तुत किया, जिसमें गाजा युद्ध समाप्त करने का विस्तृत खाका शामिल है। इसमें वेस्ट बैंक के विलय पर रोक, युद्धविराम, मानवीय सहायता और युद्ध के बाद की सुरक्षा व्यवस्था शामिल है। यह दस्तावेज शांति वार्ता के लिए एक रोडमैप पर जोर देता है, जो अमेरिका की गंभीरता को दर्शाता है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि गाजा में युद्धविराम अभी भी वास्तविकता से दूर है, लेकिन यह दस्तावेज क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक सकारात्मक कदम है।
दोहा बैठक का प्रभाव
कतर की राजधानी दोहा में हाल ही में अरब-इस्लामिक आपातकालीन शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया, जहां इजरायल के हमलों की निंदा की गई। इस बैठक में यूरोपीय देशों ने वेस्ट बैंक की नीतियों पर कड़ी आपत्ति जताई और गाजा में मानवीय सहायता पर चर्चा की। मिस्र का नाटो-शैली का अरब रक्षा बल प्रस्ताव खारिज कर दिया गया, लेकिन दबाव बढ़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि इसी वैश्विक हलचल ने ट्रंप को यह सख्त रुख अपनाने के लिए मजबूर किया, जो अमेरिकी प्रभाव को संतुलित करने का प्रयास है।
अरब देशों ने ट्रंप के आश्वासन का स्वागत किया
अरब प्रतिनिधियों ने ट्रंप के आश्वासन का स्वागत किया और इसे इजरायल पर दबाव बढ़ाने वाला कदम बताया। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की चिंताओं के बीच, यह बयान अरब दुनिया को यह संदेश देता है कि अमेरिका केवल इजरायल का साथी नहीं है, बल्कि फिलिस्तीनी मुद्दों को भी समझता है। गाजा का एक बड़ा हिस्सा अकाल से जूझ रहा है, और लाखों लोग बेघर हैं। यह वादा युद्ध को लंबा खींचने के बजाय समाधान की ओर इशारा करता है, लेकिन इसके कार्यान्वयन पर सभी की नजरें टिकी हैं.